_*लेटना और सोना*_
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_*🔘पेट के बल लेटने वाले को अल्लाह पसंद नहीं फरमाता और फरमाया कि इस तरह काफिर व जहन्नमी लेटते हैं,*_
_*हुज़ूर ने ऐसी छत पर सोने से मना फरमाया जिस पर रोक ना हो,*_
_*अस्र के बाद सोना अक़्ल को कम करता है,*_
_*क़ैलूला यानि ज़ुहर बाद थोड़ी देर सोना सुन्नत है,*_
_*दिन निकले तक सोना और मगरिब और इशा के दरमियान सोना मकरूह है,*_
_*दो मर्द का एक ही चादर में लेटना नाजायज़ है,*_
_*जब लड़का लड़की 10 साल के हो जायें तो उनका बिस्तर अलग कर दें,*_
_*10 साल का लड़का अपनी मां या बहन के साथ नहीं सो सकता बल्कि इस उम्र का लड़का किसी मर्द के साथ भी नहीं सो सकता,*_
_*इंसान जिस हालत में सोता है उसी पर उठता है और जिस हालत में मरता है उसी हालत में क़यामत के दिन उठेगा लिहाज़ा मौत का कोई भरोसा नहीं तो तौबा करके और दुआ वग़ैरह पढ़कर सोयें,*_
_*सोते वक़्त ये दुआ पढ़ें 👇🏻*_
_*अल्लाहुम्मा बिस्मेका अमूतो व अहया.*_
*اللهم باسمك اموت واحي*
_*जो शख्स सोते वक़्त ये दुआ 👇🏻*_
_*अस्तग़फ़ेरुल लाहल लज़ी लाइलाहा इल्ला होवल हय्युल क़य्यूमो व आतूबो इलैहे*_
*استغفر الله الذى لااله الا هو الحى القيوم واتوب اليه*
_*3 बार पढ़ लेगा तो अगर उसके गुनाह दरख्तों के पत्तों या ज़मीन की रेत से भी ज़्यादा होंगे तब भी मौला तआला उसे बख्श देगा,*_
_*सुबह उठकर ये दुआ पढ़ें 👇🏻*_
_*अलहम्दो लिल्लाहिल लज़ी अहयाना बाअदा मा अमातना व इलैहिन नुशूर*_
*الحمد لله الذى احيانا بعد ما اماتنا واليه النشور*
_*तकिया लगाना सुन्नत है*_
_*मुस्तहब ये है कि बा तहारत यानि वुज़ु करके सोयें और कुछ देर दायीं करवट पर लेटें और दाहिने हाथ की हथेली दाहिने गाल के नीचे रखें,*_
_*📕 इस्लामी अखलाक़ो आदाब, सफह 93-95, 257*_
_*इमाम गज़ाली अलैहिर्रहमा फरमाते हैं कि मियां बीवी का रात के अव्वल वक़्त में सोहबत करना मकरूह है क्योंकि इस तरह पूरी रात नापाकी में गुज़ारनी पड़ेगी इसके लिए बेहतरीन वक़्त रात का आखिरी हिस्सा है और सेहत के लिहाज़ से मुनासिब भी,*_
_*📕 अहयाउल उलूम, जिल्द 2, सफह 52*_
_*📕 बिस्तान, सफह 138*_
_*जिन पर गुस्ल फर्ज़ है उनको ज़बान से क़ुरान की आयत पढ़ना लिखना या छूना हराम है हां दरूद शरीफ व कल्मा शरीफ और दीगर वज़ायफ व दुआ पढ़ने में हर्ज़ नहीं मगर कुल्ली करके पढ़ें.!*_
_*📕 बहारे शरीयत, हिस्सा 2, सफह 43*_
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