_*वसीला बनाना*_
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_*अल्लाह عزوجل कि बारगाह मे उसके महबूब बंदों को वसीला बनाना*_
_*हज़रत अनस बिन मालिक رضي الله عنه से मरवी है की जब मदीना मुनव्वरा मे सुखा पड़ता तो हज़रते उमर फ़ारूक رضي الله عنه हज़रत अब्बास इब्ने अब्दुल मुत्तालिब के वसीले से बारिश की दुआ मांगते और कहते थे या अल्लाह हम तेरे नबी के वसीले से बारिश मांगते थे हम पर बारिश होती थी अब हम तेरे रसूल के चचा के वसीले से बारिश मांगते है तो तु हमको सैराब कर दे.!*_
_*हज़रते अनस رضي الله عنه कहते हैं कि इस दुआ से खुब बारिश होती..!*_
_*📕 बुखारी शरीफ, जिल्द 1, सफ़ा 137*_
_*📕 मिश्कात शरीफ, सफ़ा 132*_
_*Khud Khuda, Be Waasta De, Ye Hamara Munh Kahan,*_
_*Waasta Sarkaar Hai'n, Be Waasta Milta Nahi..!*_
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