Saturday, September 1, 2018



                        _*मुतफर्रिक़ात*_
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*_हदीस:- हुज़ूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम से पूछा गया कि क्या मोमिन बुज़दिल हो सकता है फरमाया हां फिर पूछा गया कि क्या मोमिन कंजूस हो सकता है फरमाया हां फिर पूछा गया कि क्या मोमिन झूठा हो सकता है तो फरमाया कि नहीं_*

_*📕 मिश्कात, जिल्द 2, सफह 432*_

*_हदीस:- हज़रत हुज़ैफा बिन यमान रज़ियल्लाहु तआला अन्हु फरमाते हैं कि दुनिया के खातमे तक जितने फितनो के क़ायदीन होंगे जिनकी तादाद 300 या उससे ज़ायद होगी उन सब फितनो के अलमबरदारो के नाम उनके बापों के नाम और कबीलों के साथ हुज़ूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम हमको खबर दे चुके हैं_*

_*📕 अबु दाऊद, जिल्द 2, सफह 231*_

*_हदीस:- जंगे बद्र के दिन हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने बद्र के मुर्दा कुफ्फारों का नाम लेकर उनसे ख़िताब किया तो हज़रत उमर फारूक़े आज़म ने हैरत से अर्ज़ किया कि क्या हुज़ूर मुर्दा बेजान जिस्मों से मुखातिब हैं तो सरकार सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि 'एै उमर खुदा की कसम ज़िंदा लोग इनसे ज़्यादा मेरी बात को नहीं समझ सकते'_*

_*📕 बुखारी शरीफ, जिल्द 1, पेज 183*_

*_हदीस:- हज़रत जरीर रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि हुज़ूर सल्लललाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया जो इस्लाम में किसी अच्छे तरीक़े को रायज करेगा तो उसको अपने रायज करने का भी सवाब मिलेगा और उन लोगों के अमल करने का भी जो उसके बाद इस तरीक़े पर अमल करते रहेंगे और अमल करने वालों के सवाब में कोई कमी ना होगी और जो इस्लाम में किसी बुरे तरीक़े को रायज करेगा तो उस शख्स को अपने रायज करने का भी गुनाह मिलेगा और उन लोगों के अमल करने का भी जो उसके बाद इस तरीक़े पर अमल करते रहेंगे और अमल करने वालों के गुनाह में कोई कमी ना होगी_*

_*📕 मुस्लिम, जिल्द 3, सफह 478*_

*_हदीस:- उम्मुल मोमेनीन सय्यदना आईशा सिद्दीक़ा रज़ियल्लाहु तआला अंहा फरमातीं हैं कि मैं सहरी के वक़्त कुछ सी  रही थी कि अचानक सुई गिर गई और बड़ी तलाश के बावजूद ना मिली, इतने में रसूले खुदा सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम कमरे में तशरीफ लाये तो उनके चेहरे मुबारक के नूर से पूरा कमरा मुनव्वर हो गया और मैंने बा आसानी अपनी सुई ढूंढ़ ली_*

_*📕 खसाइसे कुबरा, जिल्द 1, सफह 156*_
_*📕 नसीमुर्रियाज़, सफह 328*_
_*📕 जवाहिरुल बहार, सफह 814*_

*_हदीस:- हज़रत अनस बिन मालिक रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि जब जब हम पर कहत का ज़माना आता तो हज़रते उमर फारूक़े आज़म रज़ियल्लाहु तआला अन्हु हज़रते अब्बास रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का वसीला लगाते और युं दुआ करते कि "ऐ अल्लाह हम तेरी बारगाह नबी को वसीला बनाया करते थे तू हमें सैराब फरमाता था अब हम तेरी बारगाह में नबी के चचा को वसीला बनाते हैं हमें सैराब फरमा" हज़रते अनस रज़ियल्लाहु तआला अन्हु फरमाते हैं कि हर बार पानी बरसता_*

_*📕 बुखारी, जिल्द 1, सफह 137*_

*_हदीस:- हज़रत इब्ने उमर रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि रसूले करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि मेरी उम्मत पर एक ज़माना ज़रूर ऐसा आयेगा जैसा कि बनी इस्राईल पर आया था बिल्कुल हू बहु एक दूसरे के मुताबिक, यहां तक कि बनी इस्राईल में से अगर किसी ने अपनी माँ के साथ अलानिया बदफेअली की होगी तो मेरी उम्मत में ज़रूर कोई होगा जो ऐसा करेगा और बनी इस्राईल 72 मज़हबो में बट गए थे और मेरी उम्मत 73 मज़हबो में बट जायेगी उनमें एक मज़हब वालों के सिवा बाकी तमाम मज़ाहिब वाले नारी और जहन्नमी होंगे, सहाबये किराम ने अर्ज़ किया या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम वह एक मज़हब वाले कौन है तो हुज़ूर ने फरमाया कि वह लोग इसी मज़हबो मिल्लत पर कायम रहेंगे जिस पर मैं हूं और मेरे सहाबा हैं_*

_*📕 तिर्मिज़ी, हदीस नं 171*_
_*📕 अबु दाऊद, हदीस नं 4579*_
_*📕 इब्ने माजा, सफह 287*_

*_हदीस:- एक मर्तबा अबु जहल ने हुज़ूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम से कहा कि अगर आप नबी हैं तो चांद के दो टुकड़े करके दिखाईये इस पर आप सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम ने उंगली के इशारे से चांद के दो टुकड़े फरमा दिये और इसका गवाह खुद क़ुर्आने मुक़द्दस है_*

_*📕 पारा 27, सूरह क़मर, आयत 1-2*_
_*📕 बुखारी, जिल्द 1, सफह 546*_
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