_*घर में आने जाने की सुन्नतें*_
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_*! जब भी किसी के घर जायें तो बाहर से ही इजाज़त लेकर अन्दर दाखिल हों और घर के अन्दर झांकने की कोशिश हरगिज़ ना करें, दरवाज़े के दायें या बायें खड़े हों,*_
_*! आते और जाते दोनो वक़्त सलाम करें,*_
_*! घर के अन्दर से कोई पूछे कि कौन तो 'मैं' ना कहें क्युंकि मैं तो सभी है बल्कि अपना नाम बताये,*_
_*! अगर एक ही घर मे मां-बाप-भाई-बहन और भी लोग रहते हैं तो उसमे भी बग़ैर इजाज़त यानि इशारा दिये बग़ैर हर्गिज़ दाखिल ना हों,*_
_*! अगर किसी खाली मकान में दाखिल हों तो पढ़ें 'अस्सलामो अलैका या अय्युहन्नबी' " اسلام علئك يا اىها انبى " क्युंकि हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम की रूह मुबारक तमाम मुसलमानों के घरों में तशरीफ़ फरमा है,*_
_*! जब घर से बाहर जायें तो पढ़ें 'बिस्मिल्लाहे तवक्कलतो अलल लाह लाहौला वला क़ूवता इल्ला बिल्लाह' " بسم الله توكلت على الله لاحولا ولا قوة الا بالله " इससे उसकी मुशकिलात दूर हो जायेगी दुशमनों से महफ़ूज हो जायेगा और शैतान भी उससे अलग हो जायेगा,*_
_*! जब घर में दाखिल हों तो सलाम करें और 1 बार सूरह इख्लास पढ़ लें तो ये रिज़्क़ की तंगी के लिये बेहतरीन वज़ीफा है,*_
_*📕 इस्लामी अखलाको आदाब, सफ़ह 55, 109*_
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