Tuesday, September 25, 2018



      _*हुज़ूर ताजुश्शरिआ के हालते जिन्दगी*_
―――――――――――――――――――――

_*विलायत हुज़ूर ताजुश्शरिआ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु*_

_*हुज़ूर ताजुश्शरिआ अल्लामा मुफ़्ती आलहाज़ अश्शाह मोहम्मद अख़्तर रज़ा अजहरी क़ादरी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की पैदाइस 25 फरवरी 1942 को मोहल्ला सौदागिरान बरेली शरीफ में हुई।*_

_*जब आपकी उम्र चार साल चार माह चार दिन की हुई तो वालिद माजिद मुफ़स्सिरे आज़मे हिन्द मौलाना मोहम्मद इब्राहीन रज़ा जीलानी ने तक़रीब बिस्मिल्लाह ख्वानी मुनाकिद की और उसमें दारुल उलूम मन्ज़रे इस्लाम के जुमला तलबा को दावत दी फिर आपकी बिस्मिल्लाह शरीफ अदा कराई गई और मोहम्मद नाम पर अक़ीक़ा हुआ।*_

_*📕 हयाते ताजुश्शरिआ सफ़्हा 29*_

_*हुज़ूर ताजुश्शरिआ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु को 🏆अवार्ड मिलना*_

_*हुज़ूर ताजुश्शरिआ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने अरबी में बी-ए किया हुज़ूर ताजुशरिआ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु सिर्फ जामिया अज़हर में ही नही बल्कि पूरे मिस्र में अव्वल नम्बरों से पास हुए हुज़ूर ताजुश्शरिआ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु 1966 में जब ज़ामेअ अज़हर काहिरा से फ़ारिग हुए तो करनल जमाल अब्दुलनासिर ने आपको बतौर इनआम ज़ामे अज़हर अवार्ड पेश किया साथ ही साथ सनद से भी नवाज़े गए।*_

_*📕 हयाते ताजुश्शरिआ सफ़्हा 119*_

_*हुज़ूर ताजुश्शरिआ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने दारुल उलूम मन्ज़र-ए-इस्लाम में पढ़ा और पढ़ाया जामेअ अज़हर में भी पढ़ा और हुज़ूर ताजुशरिआ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु दर्सी किताबो के एलावा शुरुह व हवाशी और गैर मुताल्लिक़ किताबों का रोज़ाना कसरत से मुताला करते रहे और आप फरमाते हैं कि मुझे जो कुछ भी मिला हुज़ूर मुफ़्ती-ए-आज़म रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की सोहबत व इस्तिफादा सालो की मेहनत व मशक़्क़त पर भारी पड़ते थे में आज हर जगह हुज़ूर मुफ़्ती-ए-आज़म रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का इल्मी व रूहानी फैज़ान पाता हूँ आज जो मेरी हैसियत है वह उन्ही की सोहबत का असर का सदक़ा है।*_

_*📕 हयाते ताजुश्शरिआ सफ़्हा 121*_

_*गैर मुक़ल्लिद के फितना-ए-अज़ीम का सदबार*_

_*गैर मुकल्लिद ने 1993 में अपने एअतिकाद में मसलक की तशहीर के लिये एक नया फार्मूला ईज़ाद किया इसलिये निज़ाई को मिडिया में पेश किया जाये जिससे उम्मत मुस्लिमा में इन्तिशार फैले और वह अहनाफ के खिलाफ हो उसी इन्दिया के पैशे नज़र 30 मई 1993 को एक मजलिस में तीन तलाक़ का मसअला मिडिया में उछाल दिया गया कि अब कोई शौहर तीन बार तलाक़ कहे तो शरीअत के मुताबिक तलाक़ नही मानी जहेगी और उससे मर्द व बीवी उसके हुक़्म और जिम्मा दारी पर कोई असर नही पढ़ेगा अगर शौहर एक साथ तीन बार तलाक कहे तो उसे क़ानून एक ही तलाक कहा जायेगा और शरीअत के मुताबिक उसे बदला भी जा सकता है। (रोज़नामा अमर उजाला बरेली 30 मई 1993)*_

_*जब इसकी ख़बर हुज़ूर ताजुश्शरिआ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु को तो आपने एक प्रेस कांफेंस बुलाकर फ़तवा जारी फ़रमाया जिस में वाजेह तौर पर लिखा की तीन तलाक़ नाम व निहाद व जमीअत अहले हदीस का एक बयान अखवार में मुलाहिज़ा हुआ जो न सिर्फ हनफ़ी बल्कि शाफेई मालिकी और हम्बली सभी आइम्मा मज़ाहिब के नज़दीक सरीह खिलाफ और नाक़ाबिले अमल मरदूद व बातिल है और मुसलमानों में फूट डालने की नापाक कोशिश नीज़ सियासी चाल है मजलिस वाहिदा में दी गई तीन तलाक़ ही मानी जायेगी उसपर सभी आइम्मा का इत्तिफ़ाक़ है।【रोज़नामा दैनिक जागरन बरेली 31मई 1993】*_

_*📕 हयाते ताजुश्शरिआ सफ़्हा 120*_

_*हुज़ूर ताजुश्शरिआ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की करामत*_

_*राये बरेली का रहने वाला शादी शुदा ग्वाला उसने जमादुलअव्वल 1409 हिज़री 1989 ई को हुज़ूर ताजुशरिआ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के हाथ पर शर्फ़े इस्लाम से मुशर्रफ हुआ उसने इस्लाम लाने का सबब यह बताया कि उसके बाप का इन्तेकाल हो गया था और उसके धर्म में यह है कि जो सब से छोटा बेटा होगा या सब से बड़ा बेटा होगा वह अपने बाप की लाश को जलायेगा और यह भी है कि अपने बाप की लाश पर बास से मारेगा उस लड़के ने एक बॉस सर पर मारा और खयाल किया कि यह मेरा मज़हब गलत है और मुसलमानों का मज़हब सही है और उसने रात को ख्वाब में देखा की हम एक बड़ी मस्ज़िद में बैठे हैं और उस मस्जिद में एक ज़ईफ हसीन खूबसूरत चेहरे वाले तसरीफ फरमा हैं और वह यह कह रहे हैं कि बेटा कलमा पढ़ मैने कलमा पढ़ लिया वह जब बरेली आया तो उसने हुज़ूर ताजुशरिआ को देखा फ़ौरन चीख़ पड़ा की अपने मालिक की कसम फलाँ मस्ज़िद में मैंने खवाब में उन्हीं बुज़ुर्ग को देखा था और उन्होंने ही मुझे कलमा पढ़ाया था वह लड़का फ़ौरन हुज़ूर ताजुशरिआ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के दस्ते पाक पर कलमा शरीफ पढ़ लेता है और दाखिले सिलसिला हो जाता है उसका नाम हुज़ूर ताजुश्शरिआ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने अब्दुल्लाह रखा।*_

_*📕 हयाते ताजुश्शरिआ, सफ़्हा 77*_

_*हुज़ूर ताजुश्शरिआ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के तालुक से मजीद मालूमात और आप की जिन्दगी के तालुक से हयाते ताजुश्शरिआ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का मुताला कीजीये।*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━

No comments:

Post a Comment

Al Waziftul Karima 👇🏻👇🏻👇🏻 https://drive.google.com/file/d/1NeA-5FJcBIAjXdTqQB143zIWBbiNDy_e/view?usp=drivesdk 100 Waliye ke wazai...