_*शादी हिस्सा - 3*_
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*_निकाह किसी भी महीने में करना मसलन मुहर्रम या सफर में या किसी भी तारीख मसलन 3,13,23 और 8,18,28 को मना नहीं है ये अवाम में गलत मशहूर है_*
*📕 अलमलफूज़,हिस्सा 1,सफह 36*
*_शादी से पहले लड़का और लड़की दोनों एक दूसरे को देख सकते हैं ये जायज़ है मगर बात-चीत या मुलाक़ात शुरू कर देना ये नाजायज़ है_*
*📕 अबू दाऊद जिल्द 1,सफह 284*
*📕 तिर्मिज़ी,जिल्द 1,सफह 129*
*📕 इब्ने माजा,सफह 134*
*📕 रद्दुल मुख्तार,जिल्द 5,सफह 258*
*📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 16,सफह 79*
*_वलीमा बाद ज़ुफाफ करना सुन्नत है बेहतर है कि शबे ज़ुफाफ की सुबह को अपने दोस्त और अहबाब की दावत की जाये वरना दूसरे दिन भी हो सकती है मगर इससे ज़्यादा ताखीर करना खिलाफे सुन्नत है_*
*📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 16,सफह 31*
*_ये वबा भी हमारे मुआशरे में बड़ी तेज़ी से फैल गई है अब तो लोग एक एक हफ्ते के बाद वलीमा करते हैं,हालांकि शरीयत की नज़र में ये वलीमा हरगिज़ नहीं है हां इसे मैरिज पार्टी ज़रूर कह सकते हैं_*
*=एक मर्द का इन औरतों से निकाह हराम है=*
*1.मां सगी हो या सौतेली*
*2.बहन सगी हो या सौतेली*
*3.नानी ख्वाह कितनी पुश्तों का फासला हो*
*4.दादी ख्वाह कितनी पुश्तों का फासला हो*
*5.बेटी अपनी हो या सौतेली*
*6.पोती*
*7.नवासी*
*8.खाला युंही खाला की खाला*
*9.फूफी युंही फूफी की फूफी*
*10.भांजी और उनकी बेटियां*
*11.भतीजी और उनकी बेटियां*
*12..दूध के रिश्ते की बहन*
*=इसी तरह एक औरत का इन मर्दों से निकाह हराम है=*
*1..बाप सगा हो या सौतेला*
*2..भाई सगा हो या सौतेला*
*3..नाना ख्वाह कितनी पुश्तों का फासला हो*
*4..दादा ख्वाह कितनी पुश्तों का फासला हो*
*5..बेटा अपना हो या सौतेला*
*6..पोता*
*7..नवासा*
*8..चाचा युंही चाचा के चाचा*
*9..मामू युंही मामू के मामू*
*10..भांजे और उनके बेटे*
*11..भतीजे और उनके बेटे*
*12..दूध के रिश्ते के भाई*
*📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 7,सफह 19*
*📕 मुस्लिम,जिल्द 1,सफह 466*
*📕 इब्ने माजा,सफह 138*
*_दूध पिलाने कि मुद्दत 2 साल है मगर रज़ा'अत के लिए ढाई साल,मतलब ये कि किसी औरत ने ढ़ाई साल के बच्चे को दूध पिला दिया तो वो और इसके खुद के बच्चे आपस में रज़ाई भाई बहन हो गए,अब उसका इसके लड़के या लड़कियों से निकाह नहीं हो सकता होगा तो हराम होगा,हां ढ़ाई साल से ज़्यादा के बच्चे को दूध पिलाया तो जब तो रज़ा'अत साबित नहीं होगी मगर ढ़ाई साल से ज़्यादा उम्र के बच्चे को दूध पिलाना हराम है_*
*📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 7,सफह 29*
*युंही बीवी की मौजूदगी में उसकी बहनों से चाहे सगी हो या रज़ाई उसकी खाला से उसकी फूफी से सबसे निकाह हराम है,हां अगर बीवी को तलाक़ दे दिया तो इद्दत गुज़रने के बाद इनसे निकाह हो सकता है मगर सास हराम ही रहेगी*
*📕 मुस्लिम,जिल्द 1,सफह 452*
*अगर माज़ अल्लाह किसी से ज़िना किया तो उसकी मां और उसकी लड़कियां सब हमेशा के लिए मर्द पर हराम हो गई इसी तरह औरत के लिए उसका बेटा और उसका बाप हमेशा के लिए हराम बल्कि माज़ अल्लाह ज़िना तो दूर की बात अगर शहवत के साथ मर्द व औरत ने सिर्फ एक दूसरे को छू लिया तब भी हुरमते मसाहिरत साबित हो जाएगी और औरत की मां और बेटियां मर्द पर और मर्द का बाप और बेटा औरत पर हमेशा के लिए हराम हो गए*
*📕 हिदाया,जिल्द 2,सफह 289*
*_ऐसा हिजड़ा जिसमें मर्द व औरत दोनों की अलामतें पायी जाए और साबित ना हो कि उसे मर्द कहें या औरत तो ऐसे से ना किसी मर्द का निकाह हो सकता है और ना किसी औरत का,अगर हुआ तो बातिल होगा युंही मर्द का परी से और औरत का जिन्न से निकाह नहीं हो सकता_*
*📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 7,सफह 5*
*_दूल्हे को सिर्फ फूलों का सेहरा पहनना जायज़ है_*
*📕 अलमलफूज़,हिस्सा 1,सफह 38*
*_युंही दुल्हन को सजाना मुस्तहब है बल्कि हदीसे पाक में आता है कि औरत को चाहिए कि अपने हाथों में मेंहदी लगाये रहे कि उसका हाथ मर्द के हाथ से मुशाबह ना हो और ज़्यादा ना हो तो सिर्फ नाखून ही रंग ले और मेरे आलाहज़रत फरमाते हैं कि दुल्हन का अपने आपको शौहर के लिए सजाकर रखना उसके नफ्ल नमाज़ और रोज़ो से बेहतर है,और कुंवारी लड़कियों का भी बे ज़ेवर रहना मकरूह है उम्मुल मोमेनीन सय्य्दना आयशा सिद्दीक़ा रज़ियल्लाहु तआला अंहा फरमाती हैं कि औरत का बे ज़ेवर नमाज़ पढ़ना मकरूह है अगर कुछ ना मिले तो गले में एक डोरा ही डाल ले_*
*📕 फतावा रज़वियह,जिल्द 9,सफह 364*
*हमारे यहां जब लड़की की रुखसती होती है तो अक्सर देखा गया है कि लड़की का भाई उसकी गाड़ी वग़ैरह पर कुल्ली करते हैं ये बे अस्ल है बल्कि रिवायत में ये आता है कि*
*_जब लड़की को रुख्सत करें तो तो एक प्याले पानी पर ये दुआ अल्लाहुम्मा इन्नी ओइज़ोहा बेका वज़ुर्री यताहा मिनश शैतानिर रजीम اللهم انى اعيذها بك وذريتها من الشيطن الرجيم पढ़कर दम करे और इस पानी से दुल्हन के सर और सीने पर छींटे मारे फिर दूल्हा को बुलायें और एक प्याले पानी पर ये दुआ अल्लाहुम्मा इन्नी ओइज़ोहु बेका वज़ुर्री यताहु मिनश शैतानिर रजीम اللهم انى اعيذه بك وذريته من الشيطن الرجيم पढ़कर दम करें और उसके भी सर और सीने पर छिड़क दें_*
*📕 हसन हुसैन,सफह 249*
*_जब दुल्हन ससुराल पहुंचे तो घर वालों को चाहिए कि उसका पैर धोकर मकान के चारो तरफ छिड़कें ये बाईसे बरक़त है_*
*📕 फतावा रज़वियह,जिल्द 1,सफह 455*
_*जारी रहेगा.....*_
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