_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 124)*_
_*―――――――――――――――――――――*_
_*जन्नत का बयान*_
_*अगर जन्नती किसी चिड़िया का गोश्त खाना चाहे तो उसी वक़्त भुना हुआ गोश्त उसके सामने आ जायेगा । अगर कोई पानी पीना चाहे तो पानी का कूजा ( प्याला ) उसकी प्यास के मुताबिक - उस के पास आ जायेगा । ज़रूरत से न एक बूंद कम होगा न एक बूंद ज्यादा । पीने के बाद वह आबखोरा ( पानी पीने का बर्तन ) खुद उस के पास से चला जायेगा । जन्नत में नजासत , गन्दगी , पाखाना , पेशाब , थूक , रेठ , कान का मैल और बदन का मैल वगैरा कोई गन्दगी नहीं होगी । जन्नती लोगों को पेशाब पाख़ाना नहीं होगा । सिर्फ एक खुश्बूदार पसीना निकलेगा । जन्नतियों का खाया हुआ सब खाना हजम हो जायेगा और निकले हुये पसीने और डकार की खुश्बू मुश्क की होगी ।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 41/42*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
No comments:
Post a Comment