Sunday, August 26, 2018



                   _*शादी हिस्सा - 7*_
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                 *बांझपन - Sterility*

*_औलाद का होना एक नेमत है और इस नेमत से कभी कभी इंसान महरुम रह जाता है,ऐसा नहीं है कि इसके लिए मर्द या औरत ज़िम्मेदार ही हों बल्कि ये सब रब की मर्ज़ी पर है जैसा कि आपने सुना ही होगा कि हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम की 11 बीवियां थी मगर 2 को छोड़कर किसी से आपको औलाद नहीं हुई इसका ये मतलब नहीं कि माज़ अल्लाह आपकी बीवियों में कोई नुक्स था बल्कि वही रब की मर्ज़ी नहीं थी,और जब किसी को देना चाहता है तो इंसान का ख्याल भी वहां नहीं पहुंच सकता जैसा कि जब हज़रत इस्हाक़ अलैहिस्सलाम पैदा हुए तो हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की उम्र 120 साल और हज़रते सारा रज़ियल्लाहु तआला अंहा की उम्र 99 साल थी,कभी कभी बिना किसी कमी के भी इंसान औलाद से महरुम हो सकता है बेहतर है कि अल्लाह की हिकमत पर भरोसा रखें कि वो जो करता है अच्छा करता है बस इंसान अपनी कोशिश जारी रखे यानि दुआ करता रहे_*

*_औलाद ना होने की ये वजहें हो सकती है_*

*_! मर्द की मनी में बच्चे पैदा करने वाले कीड़े ही ना हों या हों मगर कमज़ोर हों ऐसा माज़ अल्लाह हाथ से मनी निकालने या किसी बीमारी के सबब भी हो सकता है_*

*_! औरत की बच्चे दानी का मुंह बंद हो या फिर उसके बच्चे दानी में भी ova यानि कीड़े ना हों_*

*_कमी किसमे है ये जानने के लिए दोनों अपनी अपनी मनी अलग अलग पानी में डालें जिसकी मनी पानी की तह तक ना जाए यानि घुल जाए या तैर जाए तो अस्ल इलाज की ज़रूरत उसको है,अगर मर्द के अंदर कमी है तो हमदर्द के दवाखने से रेक्स कंपनी का माजून मुग़ल्लिज़ जवाहिर लाकर इस्तेमाल करे साथ ही सोहबत में एतेदाल को मलहूज़ रखे,औरत के हैज़ यानि पीरियड की मुद्दत कम से कम 3 दिन और ज़्यादा से ज़्यादा 10 दिन होती है तो अगर उसको हर महीने वक़्त मुक़र्रह पर हैज़ आता है तो उसे बांझ नहीं कहा जा सकता,एक दो दिन आगे पीछे हो सकता है तो ऐसे में बच्चा ना होने की कोई दूसरी वजह होगी,ज़ैल में इस बारे में कुछ तहरीर करता हूं अगर किसी को इससे फायदा पहुंचे तो मुझ गुनहगार को अपनी दुआओं में याद रखें_*

*_एक शख्स हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम की बारगाह में आकर अपनी बे औलादी की शिकायत की तो आपने उसे फरमाया कि अण्डे खाया करो_*

*📕 करीनये ज़िन्दगी,सफह 197*

*_जुमेरात के दिन औरत रोज़ा रखे और जितना दूध पेट भरकर पी सकती हो उतने पर सूरह मुज़म्मिल शरीफ 7 मर्तबा पढ़कर दम करे और इसी से अफ्तार करे अगर दूध हज़म हो गया तो इन शा अल्लाह हमल ठहरेगा और अगर नहीं हज़म हुआ अल्लाह ना करे तो फिर सब्र करे और दुआ करती रहे,बेहतर है कि औरत पढ़े लेकिन अगर सही मखरज से ना पढ़ सकती हो तो किसी हाफिज़ से पढ़वाकर दूध पर दम करवायें_*

*📕 शम्ये शबिस्ताने रज़ा,हिस्सा 1,सफह 31*

*_अगर औरत को हमल ना ठहरता हो या बांझ भी हो तब भी 7 दिन रोज़ा रखे अफ्तार के वक़्त पानी पर 21 बार या मुसव्वेरो يا مصور पढ़कर दम करे और इसी से अफ्तार करे इन शा अल्लाह हमल रुकेगा,दूसरा ये कि मियां बीवी सोहबत से पहले 10 बार या मुताकब्बेरो يا متكبر पढ़ा करें_*

*📕 सोलह सूरह,सफह 214*

*_ये दुआ हज़रत ज़करिया अलैहिस्सलाम की है जबकि आप बूढ़े हो चुके थे और आपकी बीवी बांझ मगर इसके बा वजूद भी मौला ने आपको हज़रत यहया अलैहिस्सलाम की बशारत दी,इसलिए हर नमाज़ के बाद मर्द व औरत दोनों कम से कम 3 मर्तबा अव्वल आखिर 3,3 बार दरूद शरीफ पढ़ें रब्बी ला तज़र्नी फरदौंव व अन्ता खैरुल वारेसीन رب لاتذرني فردا وانت خير الوارثين ,बहुत बेहतर है कि इसके अलावा भी औरत एक वक़्त मुकर्रर करके बावुज़ू किबला रु दो ज़ानु होकर 100 बार और मर्द किसी वली के आस्ताने में हाज़िरी दे और 100 मर्तबा दिल से वहां ये दुआ पढ़े और उसके वसीले से दुआ करे_*

*📕 मसाएलुल क़ुरान,सफह 282*

*_हर वक़्त वुज़ु बे वुज़ु या सलामो يا سلام का विर्द करना भी बहुत मुफीद है_*

*📕 रूहानी इलाज,सफह 200*

*_अगर औरत की ला इल्मी में उसे घोड़ी का दूध पिला दिया जाए और शौहर 1 घंटे बाद उससे क़ुरबत करे तो इन शा अल्लाह हमाल ठहरेगा_*

*📕 मुजर्बाते सुयूती,सफह 188*

*_औरत अस्कंद नागौरी बारीक पीसकर छानकर रोज़ाना 10 ग्राम गाय के दूध के साथ शुरू हैज़ से खाती रहे और पाक होने के बाद शौहर उसे क़ुरबत करे हमल रहेगा_*

*📕 इलाजुल गुरबा,सफह 143*

*_( परहेज़ =) ज़्यादा गर्म चीज़, खट्टा, मिर्च मसाला, बादी खाने से बचें_*

*_( गिज़ा=) - शोरबा, हलकी रोटी, अरहर, मूंग, लौकी, तुरई, भिन्डी, पालक वगैरह_*

_*ख़त्म.....*_
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