Tuesday, August 28, 2018



                _*मसलके आला हज़रत*_
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_*🔖 कुछ गैरों ने पूंछा आलाहज़रत को इतना क्यों मानते हो -*_

_*✍🏻 तो कहा :  कान खोल के सुनो*_

_*इस दुनियां में  बहुत कलमगार आये,*_
_*किसी ने कलम उठाया लैला का ज़िक्र किया,*_
_*किसी ने कलम उठाया मजनूं का ज़िक्र किया,*_
_*किसी ने क़लम उठाया शीरी का ज़िक्र किया,*_
_*किसी ने क़लम उठाया फरहाद का ज़िक्र किया,*_

_*📌 लेकिन आलाहज़रत ने जब-जब क़लम उठाया किसी  दुनियादार की नहीं बल्कि मदीने के ताज़दार हुज़ूर ﷺ के बारे  में ज़िक्र किया..*_

_*आप देखो तो सही क्या खूब फ़रमाते हैं आलाहज़रत :*_
👇🏽

_*❤ उन्हें जाना, उन्हें माना, न रखा गैर से काम, लिल्लाह हिल हम्द मैं दुनियां से मुसलमान गया..*_

_*✒ क़लम उठा आलाहज़रत का तो नबी की पेशानी के बारे  में लिखा :*_

_*❤ जिस के माथे शफ़ाअत का सेहरा रहा, उस ज़बीने सआदत पे लाखों सलाम.*_

_*✒ क़लम उठा आलाहज़रत का तो नबी के गोशे मुबारक के बारे में लिखा :*_

_*❤ दूरो नज़दीक के सुनने वाले वो कान, काने लाले करामत पे लाखों सलाम.*_

_*✒ क़लम उठा आलाहज़रत का लवे  मुस्तफ़ा के बारे में लिखा :*_

_*❤ पतली, पतली गुले क़ुदस  की पत्तियां, उन लवों की नज़ाक़त पे लाखों सलाम.*_

_*✒ जब क़लम उठा आलाहज़रत का आमदे हुज़ूर के बारे में लिखा :*_

_*❤ जिस सुहानी  घड़ी  चमका तैबा का चाँद, उस दिल अफरोज साअत पे लाखों सलाम.*_

_*✒ क़लम उठा आलाहज़रत का  शहरे रसूल के बारे में लिखा :*_

_*❤ हरम की ज़मीं और क़दम रख के चलना, अरे  सर का मौक़ा है ओ जाने बाले.*_

_*✒ क़लम उठा आलाहज़रत का नबी की हयात के बारे में लिखा :*_

_*❤ तू ज़िंदा है वल्लाह, तू ज़िंदा है वल्लाह मेरे चश्मे आलम से छुप जाने बाले.*_

_*✒ क़लम उठा आलाहज़रत का तो  अताये रसूल के बारे में लिखा :*_

_*❤ मेरे करीम से गर, क़तरा किसी ने माँगा, दरिया वहा दिए हैं  दुरबे  बहा दिए हैं..*_

_*✒ क़लम उठा आलाहज़रत का तो शफ़ाअत ए रसूल के बारे में लिखा :*_

_*❤ सबने शफे महशर में ललकार दिया हमको, अये बेकसों के आक़ा अब तेरी दुहाई है.*_

_*✒ और जब क़लम उठा आलाहज़रत का तो गुम्बदे खज़रा के बारे में लिखा :*_

_*❤ हाजियो आओ  शहंशाह का रौज़ा देखो,  क़ाबा तो देख चुके, काबे का  क़ाबा देखो..*_

_*👉🏽 इसलिए हम अपने इमाम की बारगाह में खिराजे अक़ीदत पेश करते हैं --*_

_*डाल दी क़ल्ब में अज़मते मुस्तफ़ा,  सैय्यदी आलाहज़रत पे लाखों सलाम*_
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