_*बिदआत व मुनकिरात*_
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_*मर्द का कांधे तक बाल रखना सुन्नत से साबित है मगर इससे ज़्यादा बढ़ाना हराम है*_
_*📕 अहकामे शरीयत, हिस्सा 1, सफह 127*_
_*खुत्बे की अज़ान के बाद खुत्बे से पहले या बाद में उर्दू में उसका तर्जुमा बयान करना खिलाफे सुन्नत है*_
_*📕 रद्दे बिदआत व मुनकिरात, सफह 298*_
_*मर्द को 4.3 ग्राम चांदी से कम की एक अंगूठी एक नग की पहनना ही जायज़ है एक अंगूठी में कई नग हों या कई अंगूठी पहने ये जायज़ नहीं, औरतों के लिए सोने चांदी में कोई क़ैद नहीं*_
_*📕 फतावा रज़वियह, जिल्द 9, सफह 56*_
_*मर्द या औरत का नसबंदी करा लेना हराम और सख्त हराम है*_
_*📕 फतावा मुस्तफवियह, सफह 530*_
_*अगर मुसलमान किसी काफिर या मुनाफिक के मरने पर उसे मरहूम या स्वर्गवासी कहे या उसकी मग़फिरत की दुआ करे तो खुद काफिर हो जायेगा*_
_*📕 बहारे शरीयत, हिस्सा 1, सफह 55*_
_*ग़ैर मुस्लिमों के त्योहारों में शामिल होना हराम है और अगर माज़ अल्लाह उनकी कुफ्रिया बातों को पसंद करे या सिर्फ हल्का ही जाने जब तो खुद काफिर है*_
_*📕 इरफाने शरीयत, हिस्सा 1, सफह 27*_
_*उसूले शरह चार हैं*_
_*1). क़ुर्आन*_
_*2). हदीस*_
_*3). इज्माअ*_
_*4). क़यास*_
_*जो इनमें से किसी एक का भी इंकार करे काफिर है*_
_*📕 फतावा मुस्तफवियह, सफह 55*_
_*नमाज़ी के सामने से एक तरफ से आते हुए दूसरी तरफ निकल जाना ये बहुत बड़ा गुनाह है लेकिन अगर कोई ऐन नमाज़ी के सामने नमाज़ पढ़ रहा था और उसकी नमाज़ खत्म हो गई तो वो दायें बायें जिधर से चाहे हटकर जा सकता है इसको हटना कहेंगे नमाज़ काटना नहीं*_
_*📕 बहारे शरीयत, हिस्सा 3, सफह 156*_
_*ताक, मेहराब या दरख्तों में किसी बुज़ुर्ग या वली का क़याम बताना सरासर जिहालत है और वहां अगरबत्ती मोमबत्ती जलाना या फूल वगैरह डालना फिज़ूल है*_
_*📕 अहकामे शरीयत, हिस्सा 1, सफह 32*_
_*बाज़ लोग नमाज़े जनाज़ा में तकबीर के वक़्त अपना मुंह आसमान की तरफ उठाते हैं ऐसा करना सख्त मना है*_
_*📕 गलत फहमियां और उनकी इस्लाह, स 54*_
_*मर्द को हाथ या पैर में मेंहदी लगाना नाजायज़ है हां बाल या दाढ़ी में लगा सकता है मगर काला खिज़ाब या डाई लगाना दोनों को ही हराम है*_
_*📕 बहारे शरीयत, हिस्सा 16, सफह 205*_
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