_*💡मिलाद का सबूत हदीसो से 💡*_
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_*💫जश्न ए आमद ए रसूल ﷺ*_
_*हुज़ूर ﷺ के ज़माने मे मस्जिद-ए-नब्वी मे मिलाद हुई इसमे खुद हुज़ूर सल्लाहो आलैहे वसल्लम ने अपनी विलादत के फ़ज़ाएल बयान किए*_
_*📕 तीरमिज़ी शरीफ, जिल्द 2 सफ़ा 201*_
_*खुद ' नबी-ए-पाक सल्लाहो आलैहे वसल्लम ने अपने मिलाद पर अल्लाह का शुक्र बजा लाने की तलकीन फरमाई और तरगीब दी*_
_*📕 मुस्लिम शरीफ, जिल्द - 2, सफ़ा 819*_
_*📕 नीसाई शरीफ, जिल्द -2 सफ़ा–147*_
_*📕 बैहक़ि शरीफ, जिल्द - 4,सफ़ा – 286*_
_*हज़रत अबू क़तादा ऱदिआल्लह अनहू से रिवायत है रसूल-ए-करीम सल्लाहो आलैहे वसल्लम से पिर का रोज़ा रखने के बारे मे सवाल किया गया तो आप सल्लाहो आलैहे वसल्लम ने फरमाया क इसी दिन मेरी विलादत हुई और इसी दिन मुझ पर क़ुरान नज़िल हुआ"*_
_*📕 सही मुस्लिम जिल्द 2 हदीस 819 सफ़ा 1162*_
_*📕 नसई अल सुनने कुबरा जिल्द 2 हदीस 146 सफ़ा 2777*_
_*अल्लाह को पसंद हैं जो बन्दो को नेमत मिले उसका इज़हार करो*_
_*📕 तीरमिज़ी शरीफ 2819 हदीस ए हसन*_
_*पीर के रोज अबू लहब के उंगली से पानी निकलता है जो उसे सुकून पहोचाता है जहन्नम की तकलीफ़ से वजह ? नबी ﷺ के विलादत की खबर सुनाने के सबब उसने अपनी लोंड़ी शोएबा को उंगली के इशारे से आज़ाद किया था*_
_*📕 सही बुखारी, बाब 1 सफ़ा 153 हदीस 5101*_
_*मो’अमीनो के लिए अल्लाह ने जुमा को ईद बना दिया ? नबी ने फरमाया अल्लाह ने जुमा को हज़रते आदम अलैहिस्सलाम को पैदा किया, इसी दिन ज़मीन पर उन्हे उतरा और इसी दिन उन्हे वफात दी*_
_*📕 सुनन इबने माज़ा, जिल्द 2, सफ़ा 8, हदीस 1084*_
_*मिलाद (विलादत का अरबी माना) को ईद ए मिलाद कहने का सबूत ईद का अरबी माना खुशी का हैं*_
_*📕 सुरे माएद आयत 114*_
_*जिस दिन अल्लाह की खास ऱहेमत नाज़िल हो उस दिन को ईद मनाना और खुशी मनाना अल्लाह का शुक्र अदा करना अंबिया का तरीका है जब आका सल्लाहो आलैहे वसल्लम हिजरत कर के मदीना शरीफ आए तो लोगों ने खूब ज़शन मनाया नोजवान लड़के अपनी छतो पर चढ़कर और गुलाम, खुद्दाम रास्तो मे फिरते थे और नारा ए रिसालत लगते और कहते या रसूल अल्लाह*_
_*📕 सही मुस्लिम जिल्द 2 सफ़ा 419*_
_*हुज़ूर सल्लाहो आलैहे वसल्लम हज़रत हस्सान रज़ी अल्लाह अनहो के लिए मस्जिद ए नबवी शरीफ मे मिमबर रखते और हज़रत हस्सान उस पर खड़े हो कर हुज़ूर की शान ए अक़्दस मे नातिअ आशार पढ़ते थे ओर हुज़ूर ﷺ फरमाते:*_
_*जब तक हस्सान मेरे बारे मे नातिअ ओर फखरिया आशार पढ़ता रहेगा तो बेशक अल्लाह ताला रूहुल अक़्दस (हज़रत जिबराईल अलेह्सलाम) के ज़रिए हस्सान की मदद फरमाता है*_
_*📕 सुनन अबू दाऊद, किताब उल अदब, बाब मा जौ फ़ि'शर, जिल्द 5 पेज 176 हॅडाइत नो 5015*_
_*📕 सुनन तीरमिज़ी, किताब उल अदब,बाब मा जौ फ़ि इंशाद'शर, जिल्द 3 पेज 562,561 हदीस नो 2846*_
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