_*फैज़ाने सैय्यदना अमीरे मुआविया (पार्ट- 04)*_
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_*जैसा कि अब तक आप हज़रात ने पिछली 3 पोस्टों में पढ़ा ही होगा कि अल्लाह पाक ने सहाबा ए किराम के मर्तबे का ज़िक्र कुराने करीम में फरमाया है और उनसे भलाई का वादा फरमा लिया है,*_
_*लेकिन अब जो लोग सैय्यदना अमीरे मुआविया रदिअल्लाहो तआला अन्ह पर इतनी बेहुरमती से पेश आते हैं वो लोग बेशक अल्लाह के कलाम के खिलाफ बात करते हैं और हमें चाहिए कि हमें ऐसे लोगों से सलाम व कलाम दोनो चीजों से दूर रहना चाहिए।*_
_*अभी तक तो कुराने करीम के हवाले से बताया गया है कि सहाबा का मकाम व उनकी शान क्या है लेकिन वक्त कि कमी को देखते हुए अब मैं आगे कुछ हदीसों से भी बताता चलूंं कि मदीने वाले अाक़ा ﷺ अपने सहाबा के बारे में क्या फरमाते है.?*_
_*📚 हदीसे नबवी ﷺ :- हज़रत जाबिर रदिअल्लाहु तआला अन्ह से रिवायत है हुज़ूर ﷺ ने फरमाया :*_
*لا تمس النار مسلما رآنى او رآى من رآنى*
_*📝तर्जुमा : आग (जहन्नम की) उस मुसलमान को न छुयेगी जिसने मुझे देखा या मेरे देखने वालो (सहाबा ए किराम) को देखा।*_ _(सुभानअल्लाह)_
*📕 جامع الترمذي،،،،، جلد-2،،،، الصفحة- { 225}*
_*🕋अल्लाह अल्लाह यहाँ तो सिर्फ सहाबा की ही नहीं बल्कि ताबई बुर्ज़ुगों की शान इतनी बुलंद हो गई की उन्होंने सिर्फ सहाबा को देखा है तो उन पर जहन्नम की आग हराम हो गई, अब इससे हम और आप ये गुमान भी नहीं कर सकते हैं कि सहाबा ए किराम अजमईन का मर्तबा क्या होगा.?*_
_*इसीलिए बरेली से मेरे इमाम अहमद रज़ा ने फरमा दिया :*_
_*"जिस मुसलमां ने देखा उन्हें एक नज़र,*_
_*उस नज़र की बसारत पे लाखों सलाम.!*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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