_*फैज़ाने सैय्यदना अमीरे मुआविया (पार्ट- 03)*_
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_*आज की पोस्ट भी मैं कुराने मुकद्दस की रोशनी मे आपके सामने हाजिर करने जा रहा हूं। आप सभी हज़रात आज की पोस्ट बगौर पढ़े और एेसे जाहिलो तक जरूर भेजिये जो सहाबिये रसूल ﷺ की शान में गुस्ताख़ी करते है।*_
_*🕋अल्लाह करीम अपने मुकद्दस कलाम कुराने मजीद वल फुर्काने हमीद में इरशाद फरमाता है :*_
_*तर्जुमा अल कुरान : उसने तुम को (सहाबा को) पसंद किया और तुम पर दीन मे कुछ तंगी न रखी कि तुम्हारे बाप इब्राहीम का दीन है, अल्लाह ने तुम्हारा नाम मुसलमान रखा है अगली किताबों में और इस कुरान मे भी, ताकि रसूल तुम पर गवाह हो और तुम लोगो की गवाही दो......*_
_*📕 सूरह हज्ज आयत नं. 78*_
_*ये आयते करीमा साफ साफ बता रही है कि अल्लाह पाक ने अपने रसूल ﷺ के साथ और सोहबत के लिए सहाबा को खुद चुना था, अब जिनका इन्तेख़ाब खुद हक तबारक व तआला ने फरमाया फिर उनकी अज़मत का अंदाजा कौन कर सकता है..?*_
_*🕋अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त का हम सुन्नी बरेलवियों और अहले सुन्नत के तमाम हक़ सिलसिलों पर बहुत बड़ा एहसान है कि हम मुहिब्बे अहले बैत और मुहिब्बे सहाबा है, अलहम्दुलिल्लाह अल्लाह ने हमें अपने उन चुनिंदा बंदो मे रखा है जिनके दिलों मे प्यारे आक़ा मुस्तफा जाने रहमत रसूलेआज़म ﷺ की और उनके जां निसारों की सच्ची पक्की मुहब्बत है, अल्लाह हम सब का खात्मा बिलखैर फरमाये।*_
_*आमीन या रब्बुल आलमीन*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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