_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 81)*_
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_*✨मोज़ो पर मसह के मसाइल*_
_*💫14: मसअलाा : - मोजा फट गया या सिलाई खुल गई और वह पहने रहने की हालत में तीन उंगल पाँव जाहिर नहीं होता मगर चलने में तीन उंगल दिखाई दे तो उस पर मसह जाइज़ नहीं ।*_
_*💫15: मसअला : - ऐसी जगह फटा या सिलाई खुली कि उंगलिया खुद दिखाई दें तो छोटी बड़ी एअतेबार नहीं बल्कि तीन उंगलियाँ ज़ाहिर हों तो मसह टुट जाएगा ।*_
_*💫16: मसअला : - एक मोजा चन्द जगह कम से कम इतना फट गया हो कि उसमें सुतली ( चमड़ा सोना के औज़ार ) जा सके और उन सब का जोड़ तीन उंगल से कम है तो मसह जाइज़ है वर्ना और टखने के ऊपर कितना ही फटा हो उसका एअतिबार नहीं ।*_
_*💫17:मसअला : - मसह का तरीका यह है कि दाहिने हाथ की तीन उंगलियाँ दाहिने पाँव की पुश्त सिरे और बायें हाथ की उंगलियाँ बायें पाँव की पुश्त के सिरे पर रखकर पिन्डली की तरफ़ का कम तीन उंगल की मिकदार खींच ली जायें और सुन्नत यह है कि पिंडली तक पहुँचायें ।*_
_*💫18: मसअला : - उंगलीयों का तर होना ज़रूरी है हाथ धोने के बाद जो तरी बाकी रह गई उससे - जाइज़ है और सर का मसह किया और अभी हाथ में तरी मौजूद है तो यह काफी नहीं बल्कि नये पानी से हाथ तर कर ले कुछ हिस्सा हथेली का भी शामिल हो तो हर्ज नहीं ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 63*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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