_*💫इस्लामी मालूमात 2 (पोस्ट न. 06)*_
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_*📝सवाल न . 34 : - जब रसुले - ए - अकरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने सहाबा के दरमियान भाई होने का रिश्ता काइम फरमाया . उस वक़्त कितने सहाबा मौजूद थे ?*_
_*✍🏻जवाब - कुल नव्वे लोग थे ।*_
_*📝सवाल न . 35 : - हुजूर - " - अकरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने किस मुआहिदे के बारे में कहा था कि अगर इस मुआहिदे के बदले मुझे सुर्ख ऊंट दिए जाते तो भी न लेता और आज भी ऐसे मुआहिदे के लिए कोई मुझे बुलाए तो में हाजिर हूँ ।*_
_*✍🏻जवाब - जंगे कुज्जार के बाद होने वाले मुआहिद हिल्फुल फुजूल के बारे में ।*_
_*📝सवाल न . 36 - हजरत अबू बक्र सिंद्दीक हुजूर - ए - अकरम के सुसर और सहाबी थे , इनके अलावा , हुजूर से आपका क्या रिश्ता था ?*_
_*✍🏻जवाब- साढू का रिश्ता ।*_
_*📝सवाल न . 37 : - हुजूर - ए - अकरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने अपना आखिरी हज किस सन् हिजरी में अदा फरमाया और आप जिस ऊँटनी पर सवार थे उसका क्या नाम था ?*_
_*✍🏻जवाब - सन् दस हिजरी में फरमाया - - - ऊँटनी का नाम कस्वा या अस्वा था ।*_
_*📝सवाल न . 38 - रसूल - ए - अकरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने अपनी बीमारी की हालत में अपनी कौन सी बेटी को याद फरमाया और उनके कान में धीरे से क्या कहा कि एक बार आप हंसने लगी और एक बार आप रोने लगी ?*_
_*✍🏻जवाब - अपनी प्यारी बेटी हजरते फातिमा रदियल्लाहु तआला अन्हा को याद फरमाया । एक बार कान में उनसे धीरे से कहा कि बेटी अब मेरी रूखसती का वक़्त आ गया है और दूसरी बार कहा कि मुझसे सबसे पहले तुम आकर मिलोगी ।*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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