_*अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 06)*_
―――――――――――――――――――――
*﷽*
_*सवाल : - क़ियामत किसे कहते हैं ?*_
_*जवाब : - क़ियामत उस दिन को कहते हैं जिस दिन हजरते इसराफ़ील अलैहिस्सलाम सूर फूंकेंगे सूर सींग के शक्ल की एक चीज़ है जिसकी आवाज़ सुनकर सब आदमी और तमाम जानवर मर जाएंगे ज़मीन , आसमान , चांद , सूरज और पहाड़ वगैरह दुनिया की हर चीज़ टूट फूट कर फ़ना हो जाएगी यहां तक कि सूर भी खत्म हो जाएगा और इसराफ़ील अलैहिस्सलाम भी फ़ना हो जाएंगे यह वाक़िअह मुहर्रम की दसवीं तारीख जुमा के दिन होगा ।*_
_*सवाल : - क़ियामत की कुछ निशानियां बयान कीजिए ?*_
_*जवाब : - जब दुनियां में गुनाह ज़्यादा होने लगे ' हराम ' कामों को लोग खुल्लमखुल्ला करने लगें मां बाप को तकलीफ़ दें और गैरों से मेल जोल रख्खें अमानत में खियानत करें “ ज़कात देना लोगों पर गिरां गुज़रे " दुनियां हासिल करने के लिए इल्मेदीन पढ़ा जाए " नाच गाने का रवाज ज्यादा हो जाए " बदकार लोग कौम के पेशवा और लीडर हो जाएं चरवाहे वगैरह कम दर्जा के लोग बड़ी बड़ी बिल्डिंगों और कोठियों में रहने लगें तो समझ लो कि कियामत करीब आ गई है।*_
_*सवाल : - जो शख्स कियामत का इन्कार करे उसके लिए क्या | हुक्म है ?*_
_*जवाब : - कियामत काइम होना हक़ है उसका इन्कार करने वाला काफिर है ।*_
_*📗अनवारे शरिअत, सफा 15/16*_
_*🖋️ क़मर रज़ा ह़नफ़ी*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
No comments:
Post a Comment