_*अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 07)*_
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*﷽*
_*सवाल : - तक़दीर किसे कहते हैं ?*_
_*जवाब : - दुनियां में जो कुछ होता है और बन्दे
जो कुछ भलाई बुराई करते हैं खुदायेतआला ने उसे अपने इल्म के मुआफ़िक पहले से लिख लिया है उसे तक़दीर कहते हैं ।*_
_*सवाल : - क्या अल्लाहतआला ने जैसा हमारी तक़दीर में लिख दिया है हमें मजबूरन वैसा करना पड़ता है ?*_
_*जवाब : - नहीं अल्लाहतआला के लिख देने से हमें मजबूरन वैसा करना नहीं पड़ता है बल्कि हम जैसा करने वाले थे अल्लाह तआला ने अपने इल्म से वैसा लिख दिया अगर किसी की तकदीर में बुराई लिखी तो इस लिए कि वह बुराई करने वाला था अगर वह भलाई करने वाला होता तो खुदाये तआला उसकी तकदीर में भलाई लिखता खुलासह यह कि खुदायेतआला के लिख देने से बन्दा किसी काम के करने पर मजबूर नहीं किया गया । तक़दीर हक़ है उसका इन्कार करने वाला गुमराह बदमज़हब है ।*_
_*सवाल : - मरने के बाद जिन्दा होने का मतलब क्या है ?*_
_*जवाब : - मरने के बाद जिन्दा होने का मतलब यह है कि कियामत के दिन जब ज़मीन , आसमान , इन्सान और फ़रिश्ते वगैरा सब फ़ना हो जाएंगे तो फिर खुदायेतआला जब चाहेगा हज़रते इसराफ़ील अलैहिस्सलाम को जिन्दा फ़रमाएगा वह दोबारा सूर फूंकेंगे तो सब चीजें तो सब चीजें मौजूद हो जाएंगी । फ़रिश्ते और आदमी वगैरा सब ज़िन्दा हो जाएंगे मुरदे अपनी अपनी कबरों से उठेगे , हश्र के मैदान में खुदायेतआला के सामने पेशी होगी , हिसाब लिया जाएगा और हर शख्स को अच्छे बुरे कामों का बदला दिया जाएगा यानी अच्छों को जन्नत मिलेगी । और बुरों को जहन्नम में भेज दिया जाएगा हिसाब और जन्नत
व दोज़ख हक हैं उनका इन्कार करने वाला काफ़िर है ।*_
_*📗अनवारे शरिअत, सफा 16/17/18*_
_*🖋️ क़मर रज़ा ह़नफ़ी*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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