Monday, May 4, 2020


    _*📜अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 36)*_
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                                 *﷽*

_*💫सुन्नत और नफ्ल का बयान*_

_*❓सवाल : - कितनी नमाज़े‌ सुन्नते मुअक्कदा हैं।*_

_*✍🏻जवाब : - दो रक्अत फ़ज़्र के फ़र्ज़ से पहले , चार रक्अत जुहर के फ़र्ज़ से पहले और दो रक्अत जुहर फ़र्ज़ के बाद , दो रक्अत मगरिब फ़र्ज के बाद , दो रक्अत इशा फ़र्ज़ के बाद , चार रक्अत जुमा फ़र्ज़ से पहले और चार रक्अत रक्अत जुमा फ़र्ज़ के बाद , इन सुन्नतों को “ सुन्ननतुलहुदा " भी कहा जाता है ।*_

 _*❓सवाल : - कितनी नमाजें सुन्नते गैर मुअक्कदा हैं ।*_

_*✍🏻जवाब : - चार रक्अत अस्र के फ़र्ज़ से पहले , चार रक्अत इशा फ़र्ज़ के पहले , जुहर फ़र्ज़ के बाद दो के बजाय चार इसी तरह इशां फर्ज़ के बाद दो के बजाय चार रक्अत , मगरिब के बाद छ : ( 6 ) रक्अत सलातुल अव्वाबीन , दो रक्अत तहीयतुल मस्जिद , दो रक्अत तहीयतुल वज़ु दो रक्अत नमाजे इशराक़ कम से कम दो रक्अत नमाजे चाश्त और ज्यादा से ज़्यादा बारह ( 12 ) रक्अत , कम से कम दो रक्अत नमाज़े तहज्जुद और ज्यादा से ज्यादा आठ रक्अत , सलातुत्तसबीह , नमाजे इसतिखारा और नमाजे हाजत वगैरा इन सुन्नतों को सुननुज्जवाइद और कभी मुसतहब भी कहते हैं ।*_

_*❓सवाल : - जमाअत खड़ी होने के बाद किसी सुन्नत का शुरू करना जाइज़ है या नहीं ।*_

 _*✍🏻जवाब : - जमाअत खड़ी हो जाने के बाद फज्र की सुन्नत के अलावा किसी सुन्नत का शुरू करना जाइज़ नहीं । अगर यह जाने कि फर्ज की सुन्नत पढ़ने के बाद जमाअत मिल जाएगी अगरचे क़ादा ( बैठक ) ही में शामिल होगा तो सुन्नत पढ़ ले मगर सफ़ ( लाइन ) के बराबर खड़े होकर पढ़ना जाइज़ नहीं बल्कि सफ़ ( लाइन ) से दूर हट कर पढ़े ।*_

 _*❓सवाल : - किन वक़्तों में नफ़्ल नमाज़ पढ़ना जाइज़ नहीं ।*_

_*✍🏻जवाब : - तुलू व गुरुब ( निकलना सूरज का और डूबना सूरज का ) और दोपहर इन तीनों वक़्तों में कोई नमाज़ जाइज़ नहीं । न फ़र्ज़ न वाजिब और न नफ्ल । हां अगर उस रोज़ अस्र की नमाज़ नहीं पढ़ी है तो सूरज डूबने के वक़्त पढ़ले । और तुलूए फ़ज़्र से तुलूए आफ़ताब ( सूरज ) के दरमियान सिवाय दो रक्अत सुन्नते फ़ज़्र के तहीयतुल मस्जिद और तहीयतुलवजू वगैरा कोई नफ्ल जाइज़ नहीं और नमाजे अस्र से मगरिब की फ़र्ज़ पढ़ने के दरमियान नफ्ल मना है और खुतबा के वक़्त और और नमाज़े ईदैन से पेश्तर ( पहले ) नफ़्ल मकरूह है । चाहे घर में पढ़े या ईदगाह व मस्जिद में और नमाजे ईंदैन के बाद भी नफ्ल मकरूह है जब कि ईदगाह या मस्जिद में पढ़े घर में पढ़ना मकरूह नहीं।*_

_*❓सवाल : - नफ़्ल नमाज़ बैठ कर पढ़ सकते हैं या नहीं ।*_

 _*✍🏻जवाब : - बैठ कर पढ़ सकते हैं मगर जबकि कुदरत ( ताकत ) हो तो खड़े होकर पढ़ना अफ़ज़ल है ।*_


_*📕 अनवारे शरिअत, सफा 75/76/77*_

_*🤲🏻तालिबे दुआ-ए- मग़फिरत एडमिन*_
 
_*📍बाकि अगले पेस्त में*_

_*📮जारी रहेगा इंशाअल्लाह.....*_
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