_*📜अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 37)*_
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*﷽
_*तहीयतुलवज़ू*_
_*💫मुस्लिम शरीफ़ में है कि नबीये करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जो शख्स वजू करे और अच्छा वजू करे और ज़ाहिर व बातिन से मुतवज्जेह होकर दो रक्अत ( नमाज़ तहीयतुलवजू ) पढ़े उसके लिए जन्नत वाजिब हो जाती है ।*_
_*नमाजे इशराक़*_
_*💫तिर्मिज़ शरीफ़ में है कि हुजूर अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया कि जो फ़ज़्र की नमाज़ जमाअत से पढ़ कर खुदा का ज़िक्र करता रहे यहां तक कि सूरज बुलन्द हो जाए फिर दो रक्अत ( नमाज़े इशराक़ ) पढ़े तो उसे पूरे हज और उमरा का सवाब मिलेगा ।*_
_*नमाजे चाश्त*_
_*💫चाश्त की नमाज़ मुसतहब है कम से कम दो और ज्यादा से ज्यादा बारह ( 12 ) रक्अतें हैं तिर्मिज़ी और इब्ने माज़ा में है कि हुजूर अलैहिस्सलाम ने फरमाया जो चाश्त की दो रक्अतों पर मुहाफ़ज़त करे उसके गुनाह बख्या दिए जाएंगे अगरचे समुन्दर के झाग बराबर हो ।*_
_*नमाजे तहज्जुद*_
_*💫तहज्जुद की नमाज़ का वक़्त इशा की नमाज के बाद सो कर उठे उस वक़्त से तुलूये सुबह सादिक़ तक है तहज्जुद की नमाज़ कम से कम दो रक्अत है और हुजूर अलैहिस्सालाम से आठ तक साबित है । हदीस शरीफ़ में इस नमाज़ की बड़ी फजीलत ( बड़ाई ) आई है नसई और इब्ने माजा ने अपनी सुनन में रिवायत की कि रसूलुल्लाह सलल्लाहु अलैहिवसल्लम ने फ़रमाया जो शख्स रात में बेदार हो ( जागे ) और अपने अहल को जगाए फिर दोनों दो - दो रक्अत पढ़ें तो कसरत से याद करने वालों में लिखे जायेंगे ।*_
_*📕 अनवारे शरिअत, सफा 77/78*_
_*🤲🏻तालिबे दुआ-ए- मग़फिरत एडमिन*_
_*📍बाकि अगले पेस्त में*_
_*📮जारी रहेगा इंशाअल्लाह.....*_
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