_*📜अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 47)*_
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*﷽*
_*💫जुमा का बयान*_
_*❓सवाल : - जुमा की नमाज़ फर्ज है या वाजिब ।*_
_*✍🏻जवाब : - जुमा की नमाज़ फ़र्ज़ है और उसकी फ़र्जीयत जुहर से ज़्यादा मुअक्कद है ।*_
_*❓सवाल : - जुमा फर्ज होने की कितनी शरतें हैं ?*_
_*✍🏻जवाब : - जुमा फर्ज होने को निम्नलिखित ग्यारह ( 11 ) शरते हैं।*_
_*( 1 - 2 ) शहर में मुकीम और आज़ाद होना इसलिए मुसाफ़िर और गुलाम पर जुमा फर्ज नहीं ।*_
_*( 3 ) सेहत यानी ऐसे मरीज़ पर जुमा फर्ज नहीं जो मस्जिद तक न जा सके ।*_
_*( 4 - 5 - 6 ) मर्द और आकिल बालिग होना यानी औरत , पागल , और नाबालिग पर जुमा फर्ज नहीं ।*_
_*( 7 - 8 ) अंखियारा होना और चलने पर कादिर होना इसलिए अंधे , लुंजे , और फालिज वाले पर कि जो मस्जिद तक न जा सकता हो जुमा फ़र्ज़ नहीं ।*_
_*( 9 ) कैद में न होना मगर जबकि किसी ( दैन ) क़र्ज़ की वजह से कैद किया गया हो और अदा करने पर कादिर हो तो फ़र्ज़ है ।*_
_*( 10 ) हाकिम या चोर वगैरा किसी ज़ालिम का ख़ौफ़ न होना ।*_
_*( 11 ) बारिश या आंधी वगैरा का इस कदर न होना कि जिससे नुकसान का क़वी अदेशा ( सख़्त ख़तरा ) न हो ।*_
_*❓सवाल : - जिन लोगों पर जुमा फ़र्ज़ नहीं है अगर वह लोग जुमा में शरीक हो जाएं तो उनकी नमाज़ हो जाएगी या नहीं ।*_
_*✍🏻जवाब : - हो जाएगी यानी जुहर की नमाज़ उनके ज़िम्मे से उतर जाएगी ।*_
_*❓सवाल : - जुमा जाइज़ होने के लिए कितनी शरते हैं ।*_
_*✍🏻जवाब : - जुमा जाइज़ होने के लिए छ : ( 6 ) शरतें हैं कि उनमें से अगर एक भी नहीं पाई गई तो जुमा होगा ही नहीं ।*_
_*❓सवाल : - जुमा जाइज़ होने की पहली शर्त क्या है ।*_
_*✍🏻जवाब : - जुमा जाइज़ होने की पहली शर्त मिस्र या फ़नाये मिस्र होना है ।*_
_*❓सवाल : - मिस्र और फ़नाये मिस्र किसे कहते हैं ।*_
_*✍🏻जवाब : - मिस्र वह जगह है कि जिसमें कई कूचे ( गली ) और बाज़ार हों और वह ज़िला या तहसील हो कि उसके मुतअल्लिक देहात गिने जाते हों । और मिस्र के आस पास की जगह जो मिस्र की मसलहतों के लिए हो उसे फ़नाए मिस्र कहते हैं जैसे स्टेशन कबरस्तान वगैरा ।*_
_*❓सवाल : - क्या गांव में जुमा की नमाज़ पढ़ना जाइज़ नहीं है ।*_
_*✍🏻जवाब : - नहीं । गांव में जुमा की नमाज़ पढ़ना जाइज़ नहीं लेकिन जहां कायम हो बन्द न किया जाए कि अवाम जिस तरह भी अल्लाह व रसूल का नाम ले गनीमत्त है ।*_
_*📕( फ़तावा रज़वीया )*_
_*❓सवाल : - गांव में जुमा की नमाज़ पढ़ने से उस दिन की जुहर नमाज़ साक़ित होती है या नहीं ।*_
_*✍🏻जवाब : - नहीं । गांव में जुमा की नमाज़ पढ़ने से उस दिन की जुहर की नमाज़ नहीं साक़ित होती ।*_
_*❓सवाल : - कुछ लोग गांव में जुमा पढ़ने के बाद चार रक्अत इहतियातु ज्जुहर पढ़ते हैं क्या यह सही है ।*_
_*✍🏻जवाब : - नहीं बल्कि गांव में इस के बजाय चार रक्अत जुहर फ़र्ज़ पढ़ना जरूरी है अगर नहीं पढ़ेगा तो गुनाहगार होगा ।*_
_*📕 अनवारे शरिअत, सफा 97/98/99*_
_*📍 बाकी अगले पोस्ट में*_
_*📮जारी रहेगा इंशाअल्लाह.....*_
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