_*अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 03)*_
―――――――――――――――――――――
*﷽*
_*सवाल : - खुदाये तआला की किताबें कितनी हैं ?*_
_*जवाब : - खुदाये तआला की छोटी बड़ी बहुत सी किताबें नाज़िल हुई बड़ी किताब को किताब और छोटी को सहीफ़ह कहते हैं , उनमें चार किताबें बहुत मशहूर हैं अव्वल तौरेत जो हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम पर नाज़िल हुई दूसरे ज़बूर जो हज़रते दाऊद अलैहिस्सलाम पर नाज़िल हुई और तीसरे इन्जील जो हज़रते ईसा अलैहिस्सलाम पर नाज़िल हुई चौथी कुरआन मजीद जो हमारे नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम पर नाज़िल हुआ ।*_
_*सवाल : - पूरा कुरान मजीद एक दफ़ा नाज़िल हुआ या थोड़ा - थोड़ा ?*_
_*जवाब : - पूरा कुरान मजीद एक दफ़ा इकट्ठा नहीं नाज़िल हुआ बल्कि ज़रूरत के मुताबिक़ 23 तेईस बरस में थोड़ा - थोड़ा नाज़िल हुआ ।*_
सवाल : - क्या कुरान मजीद की हर सूरत और हर आयत पर ईमान लाना जरूरी है ?
जवाब : - हां कुरआन मजीद की हर सूरत पर ईमान लाना जरूरी है अगर एक आयत का भी इन्कार कर दे या यह कहे कि कुरआन जैसा नाज़िल हुआ था अब वैसा नहीं है , बल्कि घटा बढ़ा दिया गया है तो वह काफ़िर है ।
_*📗अनवारे शरिअत, सफा 12/13*_
_*🖋️ क़मर रज़ा ह़नफ़ी*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
No comments:
Post a Comment