_*जुमा और दुरूदे पाक*_
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_*आक़ा सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि जुमा को कसरत से मुझ पर दुरूद पढ़ा करो क्योंकि तुम्हारा दुरूद मेरी बारगाह में पेश किया जाता है*_
_*📕 अलमुस्तदरक,जिल्द 1, सफह 491*_
_*बाद नमाज़े जुमा मदीना तय्य्बह की जानिब मुंह करके दुरूदे जुमा 100 बार पढ़ें,आलाहज़रत ने इस दुरूदे पाक की इजाज़त तमाम सुन्नियों को अता फरमाई है,सही और मोतबर हदीसो से इसके 40 फायदे साबित हैं चंद यहां ज़िक़्र करता हूं*_
_*1. इसके पढ़ने वाले पर मौला 3000 रहमतें उतारेगा*_
_*2. उस पर 2000 बार अपना सलाम भेजेगा*_
_*3. 5000 नेकियां उसके नामए आमाल में लिखेगा*_
_*4. उसके 5000 गुनाह माफ करेगा*_
_*5. उसके 5000 दर्जे बुलंद करेगा*_
_*6. उसके माथे पर लिखेगा कि ये मुनाफिक़ नहीं*_
_*7. उसके माथे पर लिखेगा कि यह दोज़ख से आज़ाद है*_
_*8. मौला उसे क़यामत के दिन शहीदों के साथ रखेगा*_
_*9. उसके माल में तरक्क़ी देगा*_
_*10. उसकी औलाद और औलाद की औलाद में तरक्क़ी देगा*_
_*11. दुशमनों पर ग़लबा देगा*_
_*12. दिलों में उसकी मुहब्बत रखेगा*_
_*13. किसी दिन ख्वाब में हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम का दीदार करेगा*_
_*14. ईमान पर खात्मा होगा*_
_*15. क़यामत में हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम उससे मुसाफह करेंगे*_
_*16. रसूल अल्लाह सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम की शफाअत उसके लिए वाजिब होगी*_
_*17. अल्लाह उससे ऐसा राज़ी होगा की कभी नाराज़ ना होगा*_
_*📕 अलवज़ीफतुल करीमा, सफह 32*_
_*📕 खज़ीनए दुरूद शरीफ, सफह 217*_
_*हदीस में आता है कि इल्म फैलाने वाले के बराबर कोई आदमी सदक़ा नहीं कर सकता*_
_*📕 कुर्बे मुस्तफा,सफह 100*_
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