_*📜अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 49)*_
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*﷽*
_*🌙ईद व बक़रईद का बयान🌙*_
_*❓सवाल :- ईद व बक़रईद की नमाज़ वाजिब है या सुन्नत?*_
_*✍🏻जवाब :- ईद व बक़रईद की नमाज़ वाजिब है मगर इनके वाजिब और जाइज़ होने की वही शर्त है जो जुमा के लिए है। सिर्फ फर्क इतना यह है कि जुमा का खुतबा नमाज़ से पहले है और ईदैन मे सुन्नत दूसरा फर्क यह है कि जुमा का खुतबा नमाज़ से पहले है और ईदैन का खुतबा नमाज़ के बाद और तीसरा फर्क यह है की ईदैन मे अज़ान व इक़ामत नहीं है सिर्फ दो बार "अस्सलातु जामिअह" कहने की इजाज़त है।*_
_*❓सवाल :- ईद व बक़रईद की नमाज़ का वक़्त कब से कब तक है।*_
_*✍🏻जवाब :- ईद व बक़रईद की नमाज़ का वक़्त एक नेज़ा आफताब (सूरज) बुलन्द होने के बाद से जवाल के पहले तक है।*_
_*❓सवाल : - ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीका क्या है ।*_
_*✍🏻जवाब : - पहले इस तरह नीयत करे । नीयत की मैंने दो रक्अत नमाज़ वाजिब ईदुलफ़ित्र या ईदुल अज़हा की छ : तकबीरों के साथ अल्लाह तआला के लिए ( मुक़तदी इतना और कहे पीछे इस इमाम के ) मुंह मेरा तरफ़ काबा शरीफ के फिर कानों तक हाथ उठाये और अल्लाहु अकबर कह कर हाथ बांध ले फिर सना पढ़े फिर कानों तक हाथ ले जाए और अल्लाहु अकबर कहता हुआ हाथ छोड़ दे । फिर हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कहता हुआ हाथ छोड़ दे फिर तीसरी बार हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कह कर हाथ बांध ले ।*_
_*इसके बाद इमाम आहिस्ता अऊज़ बिल्लाह व बिसमिल्लाह पढ़कर बुलन्द आवाज़ से अलहम्दु के साथ कोई सूरत पढ़े फिर रुकू और सजदे से फ़ारिग होकर दूसरी रक्अत में पहले अलहम्दु के साथ कोई सूरत पढ़े फिर तीन बार कानों तक हाथ ले जाए और हर बार अल्लाहु अकबर कहे और किसी मर्तबा हाथ न बांधे और चौथी बार बगैर हाथ उठाये अल्लाहु अकबर कहता हुआ रुकू में जाए और बाकी नमाज़ दूसरी नमाज़ों की तरह पूरी करे । सलाम फेरने के बाद दो खुतबे इमाम पढ़े फिर दुआ मागे खुतबये ऊला ( पहला खुतबा ) शुरू करने से पहले इमाम मिमबर पर खड़ा होकर 5 बार आहिस्ता अल्लाहु अकबर कहे कि यही सुन्नत है ।*_
_*📕 अनवारे शरिअत, सफा 102/103*_
_*📍 बाकि अगले पोस्ट में।*_
_*📮जारी रहेगा इंशाअल्लाह.....*_
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