_*आसमानी किताबें हिस्सा - 10*_
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_*अम्बिया अलैहिस्सलाम के अलावा कुछ मोमिनो के नाम भी क़ुर्आन में ज़िक्र हुये हैं उनकी तफसील हस्बे ज़ैल है*_
_*1 - इमरान - हज़रत इमरान नाम के 2 बुज़ुर्ग गुज़रे हैं पहले इमरान बिन यसहर बिन फाहिस बिन लावा बिन याक़ूब ये इमरान हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के वालिद हैं,और दूसरे हैं इमरान बिन मासान ये हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम के नाना हैं यानि हज़रत मरियम रज़ियल्लाहु तआला अन्हा के वालिद हैं और क़ुर्आन में इन्ही दूसरे इमरान का ज़िक्र है,दोनों इमरान के बीच 1800 साल का फासला है*_
_*2 - तबअ - ये भी एक नेक शख्स थे*_
_*3 - लुक़मान - हज़रत लुकमान हकीम के बारे में बाज़ उल्मा नुबूवत के कायल हैं मगर मुत्तफिक़ यही है कि आप एक बकमाल बुज़ुर्ग आलिम व मुफ्ती थे मगर नबी नहीं थे,आपने 1000 साल की उम्र पाई और 4000 अम्बिया से मुलाकात का शर्फ भी हासिल किया है*_
_*4 - याक़ूब - सूरह मरियम के शुरू में जिन याक़ूब का ज़िक्र है वो हज़रत यूसुफ अलैहिस्सलाम के वालिद नहीं हैं बल्कि कोई दूसरे याक़ूब हैं जो कि हज़रत ज़करिया अलैहिस्सलाम के मोरिसे आला हैं*_
_*5 - तालूत - आप बनी इस्राईल के बादशाह थे,जब तालूत का मुकाबला जालूत से हुआ तो तालूत की क़ौम जालूत की जसामत को देखकर घबरा गई क्योंकि वो बहुत ही बड़े कद का और ताकतवर इंसान था,तब तालूत ने अपने लश्कर में ऐलान करवाया कि जो शख्स जालूत को क़त्ल करेगा उससे मैं अपनी बेटी का निकाह कर दूंगा और आधा मुल्क भी उसी को दे दूंगा मगर कोई भी तैयार ना हुआ,फिर तालूत ने अपने नबी हज़रत शमवील अलैहिस्सलाम की बारगाह में इस्तेगासा किया कि आप ही दुआ करें जब उन्होंने दुआ की तो उनको बताया गया कि हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम जालूत का क़त्ल करेंगे,तब हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम की तलाश हुई और आपको जालूत के मुकाबले में भेजा गया जब आप जालूत के सामने आये तो आपने कपड़े में पत्थर रखकर उसे घुमा कर जो फेंका तो वो पत्थर जालूत के सर को चीरता हुआ निकल गया और वो वहीं ढेर हो गया,फिर तालूत ने हस्बे वादा आपका निकाह अपनी बेटी से कर दिया और आधा मुल्क भी आपको दे दिया बाद वफात तालूत के तमाम मुल्क पर हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम की सल्तनत क़ायम हो गई*_
_*6 - ज़ैद बिन हारिसा - ये सहाबिये रसूल हैं और तमाम सहाबियों में सिर्फ हज़रत ज़ैद बिन हारिसा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का नाम ही क़ुर्आन के सूरह अहज़ाब में आया है*_
_*7 - मरियम - औरतों में हज़रते मरियम रज़ियल्लाहु तआला अन्हा का नाम ही क़ुर्आन में आया है*_
_*📕 तफसीरे सावी,जिल्द 1,सफह 136*_
_*📕 ज़रक़ानी,जिल्द 3,सफह 305*_
_*📕 अलइतक़ान,जिल्द 2,सफह 180*_
_*📕 जलालैन,हाशिया 3,सफह 393*_
_*काफिरों में से कुछ का नाम क़ुर्आन में सराहतन ज़िक्र हुआ है जैसे कारून जालूत हामान बुशरा आज़र अन्निसा*_
_*📕 अलइतक़ान,जिल्द 2,सफह 181*_
_*जारी रहेगा......*_
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