_*आसमानी किताबें हिस्सा - 6*_
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_*क़ुर्आन एक ऐसी किताब है जिसका मिस्ल लाना नामुमकिन है और इस बात पर खुद मौला तआला ने 4 मर्तबा काफिरों और मुशरिकों को चैलेंज दिया है*_
_*पहली बार पूरी क़ुर्आन पर चैलेंज दिया,फरमाता है तुम फरमाओ अगर आदमी और जिन सब इस बात पर मुत्तफिक़ हो जायें कि इस क़ुर्आन की मानिंद ले आयें तो इसका मिस्ल ना ला सकेंगे अगर चे उनमे एक दूसरे के मददगार हो जायें*_
_*सूरह बनी इस्राईल,आयत 88*_
_*दूसरी बार इस के मिस्ल 10 सूरतें लाने को कहा,फरमाता है, क्या ये कहते हैं कि उन्होंने इसे जी से बना लिया तुम फरमाओ कि तुम इस ऐसी बनाई हुई 10 सूरतें ले आओ और अल्लाह के सिवा जो मिल सके सबको बुलालो अगर तुम सच्चे हो*_
_*सूरह हूद,आयत 13*_
_*तीसरी बार एक ही सूरह लाने को कहा,फरमाया, और अगर तुम्हें कुछ शक हो इसमें जो हमने अपने इस खास बन्दे पर उतारा तो इस जैसी एक सूरह तो ले आओ और अल्लाह के सिवा अपने सब हिमायतियों को बुलालो अगर तुम सच्चे हो*_
_*सूरह बक़र,आयत 23*_
_*चौथी बार तो सिर्फ 1 आयत लाने को ही कहा,फरमाता है, तो इस जैसी एक ही बात ले आओ अगर सच्चे हो*_
_*सूरह तूर,आयत 34*_
_*📕 तफसीरे सावी,जिल्द 1,सफह 161*_
_*क़ुर्आन में 11 मर्तबा मौला तआला ने हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम को या अय्योहन नबी कहकर खिताब किया है,जिनमे से तक़रीबन 5 बार तो सिर्फ सूरह अहज़ाब की आयत नं0 1,28,45,50,59 में मौजूद है,और उसके अलावा भी या अय्युहर रसूल व या मुज़्ज़म्मिल या मुद्दस्सिर वग़ैरह अलक़ाब भी इस्तेमाल किये हैं*_
_*📕 क्या आप जानते हैं,सफह 210*_
_*मंसूख यानि हुक्म का खत्म होना और नासिख यानि जिससे पहले हुक्म खत्म हुआ,ऐसी क़ुर्आन में 20 से ज़्यादा मंसूख आयतें हैं जिनका हुक्म मंसूख हो चुका है और उतनी ही आयते नासिखा भी है जिन से पहला हुक्म मंसूख हुआ,मतलब ये कि शुरू इस्लाम में इनका हुक्म दिया गया और बाद में इस हुक्म को खत्म कर दिया गया और इसकी जगह दूसरा हुक्म आ गया,सबकी तफसील काफी लम्बी हो जायेगी सिर्फ याद रखने के लिए 2 आयत का ज़िक्र करता हूं पहली तो सूरह काफिरून जिसमे लकुम दीनुकुम वले यदीन की तिलावत अब भी बाकी है मगर इसका हुक्म मंसूख है और आयते रज्म जो कि मंसूख हो चुकी है यानि उसकी तिलावत बाकी नहीं रही मगर उसका हुक्म अब भी बाकी है यानि अगर शादी शुदा ज़ानी ज़िना कर ले तो उन्हें पत्थर मार मार कर मार डाला जाये*_
_*📕 तफसीरे अहमदी,सफह 14*_
_*क़ुर्आन में 14 सवालात ऐसे हैं जो पूछे तो गए हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम से मगर उसका जवाब आपकी तरफ से रब ने दिया,जिनमे से 8 तो सूरह बक़र में हैं*_
_*1. रब कहां है*_
_*2. चांद क्यों घटता बढ़ता है*_
_*3. क्या खर्च करें और किस पर करें*_
_*4. खर्च की मिक़्दार क्या हो*_
_*5. माहे हराम में लड़ना क्यों मना है*_
_*6. शराब और जुए का क्या हुक्म है*_
_*7. यतीम का माल अपने माल में मिलाने का क्या हुक्म है*_
_*8. हैज़ यानि m.c का क्या हुक्म है*_
_*9. सूरह मायदा में है कि क्या क्या चीज़ें हलाल है*_
_*10. सूरह इंफाल में है कि माले गनीमत का मालिक कौन है*_
_*11. सूरह बनी इस्राईल में है कि रूह क्या है*_
_*12. सूरह कहफ में है कि सिकंदर ज़ुलक़रनैन कौन थे*_
_*13. सूरह ताहा में है कि क़यामत के दिन पहाड़ों का क्या होगा*_
_*14. सूरह नाज़ियात में है कि क़यामत कब आयेगी*_
_*📕 अलइतक़ान,जिल्द 1,सफह 197*_
_*जारी रहेगा......*_
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