_*💧पानी*_
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_*रिवायत में आता है कि मौला ने ज़मीनों आसमान पैदा करने से पहले एक जौहर पैदा किया जो ज़मीनों आसमान से दो गुना था जब उस पर अपने जलाल की निगाह डाली तो वो पिघलकर पानी हो गया और खुदा के जलाल की ताब ना ला सका और कंपकंपा उठा ये कंपकंपी उसकी ज़ात में अब भी मौजूद है और क़यामत तक रहेगी*_
_*📕 क्या आप जानते हैं,सफह 241*_
_*दुनियाये जहान के तमाम पानियों से अफज़ल वो पानी है जो हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम की मुबारक उंगलियों से निकला यहां तक कि आबे जम-ज़म व आबे कौसर से भी अफज़ल है,हर चीज़ का एक रंग होता है*_
_*पानी का रंग ये है मैला मायिल बयक गूना सवादे खफीफ*_
_*📕 फतावा रज़वियह,जिल्द 1,सफह 593*_
_*वुज़ू का बचा हुआ पानी क़यामत के दिन नेकियों के पल्ले में तौला जायेगा*_
_*📕 तिर्मिज़ी शरीफ,जिल्द 1,सफह 18*_
_*आबे ज़म-ज़म शरीफ और वुज़ू का बचा हुआ पानी उसकी ताज़ीम की गर्ज़ से खड़े होकर पिया जायेगा*_
_*📕 रद्दुल मोहतार,जिल्द 1,सफह 91*_
_*आबे ज़म-ज़म से गन्दगी साफ करना गुनाह है*_
_*📕 रद्दुल मोहतार,जिल्द 2,सफह 263*_
_*आबे ज़म-ज़म शरीफ भूख की जगह खाने का प्यास की जगह पानी का और किसी भी मर्ज़ में दवा का काम करता है,और मुनाफिक़ कभी भी आबे ज़म-ज़म शरीफ शिकम सैर होकर नहीं पी सकता*_
_*📕 उम्दतुल क़ारी,जिल्द 4,सफह 645-646*_
_*आबे ज़म-ज़म शरीफ में ये अज्ज़ा पाए गए हैं*_
_*1). मैग़निशियम सल्फेट*_
_*2). सोडियम सल्फेट*_
_*3). सोडियम क्लोराइड*_
_*4). कैलशियम कार्बोनेट*_
_*5). पोटैशियम नाइटरेट*_
_*6). हाइड्रोजन सल्फर*_
_*7). गन्धक*_
_*📕 क्या आप जानते हैं,सफह 631*_
_*समंदर के नीचे आग है लिहाज़ा बगैर सही हाजत के समंदर का सफर करना मना है*_
_*📕 फतावा रज़वियह,जिल्द 1,सफह 443*_
_*जिस दरिया पर हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने असा मारा था उस पर 12 रास्ते बन गए और उस जगह सूरज की किरण पहुंची,ज़मीन का ये इक्लौता हिस्सा है जहां ना कभी इससे पहले रौशनी पहुंची थी और ना क़यामत तक पहुंचेगी*_
_*📕 हयातुल हैवान,जिल्द 2, सफह 649*_
_*पहले पानी में लाश डूब जाया करती थी मगर जब फिरऔन डूबा तो बनी इस्राईल को उसके मरने पर यक़ीन न हुआ तो रब के हुक्म से पानी ने लाश को बाहर फेंक दिया उसके बाद से ही पानी ने लाश को क़ुबूल करना बंद कर दिया*_
_*📕 जलालैन,हाशिया 16,सफह 178*_
_*तूफान की शुरुआत 1 रजब को हुई और 10 रजब को कश्ती पानी में तैरने लगी और पूरे 6 महीने ज़मीन का गर्दिश करने के बाद 10 मुहर्रम को जूदी पहाड़ पर जाकर रुकी,पूरी ज़मीन पर इस क़दर पानी जमा हो गया था कि ज़मीन के सबसे ऊंचे पहाड़ से भी 30 हाथ ऊपर पानी था*_
_*📕 अलमलफूज़,हिस्सा 1,सफह 64*_
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