_*हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम*_
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_*आपका नाम इस्माईल इस लिए पड़ा कि बहुत साल तक हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम को औलाद न हुई थी और वो हमेशा दुआ करते रहते थे और अपनी ज़बान में "इसमअ" यानि सुन ले "ईल" इबरानी ज़बान में खुदा का नाम है यानि ऐ खुदा मेरी सुन ले, जब आप पैदा हुए तो इसी दुआ की यादगार में आपने उनका नाम इस्माईल रख दिया*_
_*📕 तफसीरे नईमी, जिल्द 1, सफह 820*_
_*एक मर्तबा हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम आपसे मिलने के लिए आपके घर पहुंचे उस वक़्त आप घर पर नहीं थे, बहू से मुलाक़ात हुई तो आपने घर का हाल पूछा तो कहने लगी कि गुज़ारा अच्छा नहीं होता है तंगदस्ती है, आप जब जाने लगे तो उससे कहा कि अपने शौहर को मेरा सलाम कहना और कहना कि उसके घर की चौखट अच्छी नहीं है उसे बदल दे, जब हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम वापस आये तो उन्हें अपने बाप की खुशबु मिली पूछा कि अब्बा हुज़ूर कहां हैं तो बीवी ने कहा कि वो तो चले गए आपको सलाम कहा है और कहा है कि अपने घर की चौखट को बदल दें तो आप फरमाते हैं कि वो तुझे तलाक़ देने को कह गए हैं मैं तुझे अभी तलाक़ देता हूं, ये बीवी क़ौमे जहम के सरदार की बेटी अम्माराह बिन्त सअद बिन ओसामा थी बाद में आपने बिन्ते मदाद बिन उमर से निकाह किया*_
_*📕 तज़किरातुल अम्बिया, सफह 113*_
_*आपकी उम्र 130 साल हुई*_
_*📕 तफसीरे सावी, जिल्द 2, सफह 27*_
_*आपका मज़ार शरीफ ऐन खानये काबा में मीज़ाबे रहमत के नीचे है*_
_*📕 फतावा रज़वियह, जिल्द 2, सफह 453*_
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_*हज़रत इस्हाक़ अलैहिस्सलाम*_
_*आपका लक़ब अबुल अजम यानि गैर अरबी है*_
_*📕 तफसीरे सावी, जिल्द 1, सफह 225*_
_*आपकी उम्र 180 साल हुई*_
_*📕 अलइतक़ान, जिल्द 2, सफह 176*_
_*आपकी मज़ार आपके वालिद के बगल में बताई जाती है मगर कुछ रिवायतों में बैतुल मुक़द्दस भी आया है*_
_*📕 उम्दतुल क़ारी,जिल्द 7,सफह 373*_
_*📕 तफसीरे नईमी,जिल्द 1,सफह 871*_
_*एक मर्तबा हज़रते सारह व हज़रते हाजिरा में किसी बात पर लड़ाई हो गयी और हज़रते सारह ने ये कसम खा ली कि अगर मैं क़ाबू पाऊंगी तो तुम्हारा कोई उज़ू यानि हिस्सा काट दूंगी, मौला ने हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम पर वही भेजी कि दोनों में सुलह करा दो आपने सुलह तो करा दी पर हज़रते सारह फरमाती हैं कि मैंने जो खुदा की कसम खाई उसका क्या, तब मौला ने हज़रते सारह को हज़रते हाजिरा के कान छेदने का हुक्म दिया कि ऐसा कर लो तो तुम्हारी कसम पूरी हो जाएगी, आपने ऐसा ही किया औरतों के कान छेदने की यही दलील है और हीला शरई भी, अब हीला शरई क्या होता है इसका बयान फिर कभी इन शा अल्लाह*_
_*📕 जाअल हक़, हिस्सा 1, सफह 366*_
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