Wednesday, September 26, 2018



         _*हज़रत ज़ुलकिफ्ल अलैहिस्सलाम*_
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_*आपका नाम बशर या शरफ है चुंकि आप यतीमों गरीबों और बेवा औरतों पर बहुत ज़्यादा मेहरबान रहते थे तो उनकी किफालत की वजह से ही आपका लक़ब ज़ुलकिफ्ल यानि कफालत करने वाला पड़ गया, आप हज़रत अय्यूब अलैहिस्सलाम के बेटे हैं और उनके बाद अल्लाह ने उनकी क़ौम की तरफ आपको नबी बनाकर भेजा, आपकी उम्र 75 साल हुई और मुल्के शाम में ही आपका मज़ार है*_

_*📕 तज़किरातुल अम्बिया, सफह 194*_
_*📕 अलइतक़ान, जिल्द 2, सफह 178*_

_*एक दूसरी रिवायत के मुताबिक आपका नाम हज़कील बिन यूज़अ आया है, और आपको ज़ुलकिफ्ल इसलिये कहते हैं कि एक मर्तबा आपने 70 अम्बियाये किराम को ज़ामिन बनकर बचाया था, आप हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के तीसरे खलीफा हैं मसलन हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के खलीफा हुए हज़रत यूशअ बिन नून और उनके खलीफा हुए इब्ने युहन्ना और उनके खलीफा हैं हज़रत हज़कील अलैहिस्सलाम*_

_*📕 तफसीरे नईमी, जिल्द 2, सफह 512*_

_*ⓩ लेकिन पहली रिवायत ज़्यादा मोतबर है*_

         _*हज़रत अलयसअ अलैहिस्सलाम*_

_*आपके बारे में कुछ ज़्यादा जानकारी किताबों में मज़कूर नहीं है एक रिवायत में आपका नस्ब कुछ इस तरह है यसअ बिन अफतूब बिन अजूज़*_

_*📕 क्या आप जानते हैं, सफह 171*_

_*आपको अल्लाह ने नुबूवत अता फरमाने के साथ साथ रियासतत भी अता फरमाई थी, आप हमेशा दिन को रोज़ा रखते और रात नवाफिल में गुज़ारते, आपको किसी भी बात पर गुस्सा नहीं आता था और अपनी उम्मत के मुआमलात में बहुत ही मतानत से फैसला फरमाते जल्दबाज़ी हरगिज़ ना करते, जब आपकी वफात का वक़्त करीब आया तो बनी इस्राईल के कुछ लोग आपके पास आये और कहा कि आप अपना जांनशीन मुक़र्रर कर दें ताकि आपके बाद हम उसकी तरफ रुजू करें, तो आपने फरमाया कि जो मेरी 3 बातों में ज़मानत देगा उसकी को मैं अपना खलीफा बनाऊंगा मगर कोई भी इस पर तैयार ना हुआ तब एक नवजवान खड़ा हुआ तो आपने उससे कहा कि पहली बात ये है कि तुझे तमाम रात इबादत में गुज़ारनी है सोना हरगिज़ नहीं है दूसरी ये कि रोज़ाना दिन को रोज़ा रखना है तीसरी ये कि कोई भी फैसला गुस्से की हालत में नहीं करना है,जब उसने ये तीनो  बातें मान ली तो आपने उसे अपना खलीफा यानि अगला वाली मुक़र्रर कर दिया और पूरा निज़ाम उसके सुपुर्द कर दिया*_

_*📕 तज़किरातुल अम्बिया, सफह 195*_

_*ⓩ ख्याल रहे कि ये खिलाफत बादशाहत में थी वरना नुबूवत में कोई खिलाफत नहीं होती ये एक मनसब है जो मौला तआला की तरफ से ही दिया जाता है वो जिसे चाहे उसे नबी बना सकता है*_
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