Tuesday, September 25, 2018



                          _*चुगलखोर*_
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_*चुगलखोर वो शख्स होता है जो लोगों के दर्मियान दुश्मनी लगाने के लिए एक दूसरे तक बातें पहुंचाता है और ये मुत्तफिक है कि चुगली करना हराम है*_

_*चुगलखोर जन्नत में नहीं जायेगा*_

_*📕 मुस्लिम, जिल्द 1, सफह 70*_

_*दुनिया में जो शख्स 2 ज़बानों वाला होगा यानि चुगलखोर तो क़यामत के दिन मौला उसके मुंह में आग की 2 ज़बान लगा देगा*_

_*📕 अत्तर्गीब वत्तर्हीब, जिल्द 3, सफह 604*_

_*बदतरीन हैं वो लोग जो दोस्तों के दरमियान चुगली करके जुदाई डालते फिरते हैं*_

_*📕 अनवारुल हदीस, सफह 415*_

_*हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम का गुज़र दो क़ब्रो पर हुआ तो आपने फरमाया कि इन दोनों पर अज़ाब हो रहा है और किसी बड़े गुनाह की वजह से नहीं बल्कि मामूली गुनाह की वजह से,एक तो पेशाब की छींटों से नहीं बचता था और दूसरा चुगली करता था, फिर आपने एक तर शाख तोड़ी और आधी आधी करके दोनो क़ब्रों पर रख दी और फरमाया कि जब तक ये शाखें तर रहेगी तस्बीह करती रहेगी जिससे कि मय्यत के अज़ाब में कमी होगी*_

_*📕 बुखारी, जिल्द 1, सफह 34*_

_*इससे कई बातें साबित हुई पहली तो ये कि हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम ग़ैब दां हैं जब ही तो क़ब्र के अन्दर का अज़ाब देख लिया और दूसरी ये कि जब शाख क़ब्र पर रखी जा सकती है तो फूल भी उसी किस्म से है लिहाज़ा कब्र पर फूल डालना भी साबित हुआ और तीसरी ये कि जब तर शाख की तस्बीह से अज़ाब में कमी हो सकती है तो फिर मुसलमान अगर अपने मरहूम के ईसाले सवाब के लिए क़ुर्आन पढ़कर बख्शे तो क्योंकर मुर्दों पर से अज़ाब ना हटेगा और चौथी ये भी कि चुगली करना और पेशाब की छींटों से ना बचना अज़ाबे क़ब्र का बाईस बन सकता है लिहाज़ा इनसे बचें*_

_*हिकायत*_

_*एक ग़ुलाम को ये कहकर बेचा जा रहा था कि इसके अन्दर सिवाये चुगली करने के कोई भी ऐब नहीं है, पस एक शख्स ने उसे खरीद लिया कि चुगली करना कोई बड़ा ऐब थोड़ी है, एक दिन ग़ुलाम अपने मालिक के पास पहुंचा और कहने लगा कि आज मैंने बेगम साहिबा को किसी गैर मर्द से बातें करते हुए सुना और वो दोनों आपके क़त्ल की तैयारी में लगे हैं, ये सुनकर शौहर बड़ा घबराया और अपनी बीवी से खिंचा खिंचा सा रहने लगा, फिर कुछ दिन बाद ये बेगम साहिबा से कहने लगा कि आपके मियां के किसी दूसरी औरत से भी ताल्लुकात हैं और वो उससे शादी करना चाहते हैं इसी लिए वो आपसे दूर दूर रहने लगे हैं, फिर बोला कि मैं एक बुज़ुर्ग को जानता हूं जो आपकी मदद कर सकते हैं मगर उसके लिए आपको अपने मियां की दाढ़ी से एक बाल काटकर मुझे देना होगा, एक उस्तरा उसे देते हुए कहा कि बेहतर है कि आज रात ही ये काम कर लीजिये औरत तैयार हो गयी, उधर ये शौहर के पास पहुंचा और कहा कि आज रात आपकी बीवी आपका काम तमाम करने वाली है होशियार रहियेगा मैंने उनके पास उस्तरा देखा है, खैर रात हुई मियां ने आंख बंद करके सोने का नाटक किया जब औरत को ये एहसास हुआ कि मेरा शौहर सो गया है तो उसकी दाढ़ी का बाल काटने के लिए जैसे ही उस्तरा लेकर क़रीब आई फौरन मियां ने आंखें खोली और उस्तरा छीनकर उसी को क़त्ल कर डाला, सुबह को जब औरत के घर वालों को खबर हुई तो उन्होंने घर पर धावा बोला और उसके आदमी को क़त्ल कर दिया*_

_*📕 किताबुल कबायेर, सफह 271*_
_*📕 शैतान की हिकायत, सफह 137*_

_*ये होता है चुगली करने का अंजाम कि एक हंसता खेलता परिवार आन की आन में तबाहो बर्बाद हो गया, लिहाज़ा हर सुनी सुनाई बात को बयान करना सख्त बुरा है और उस पर यक़ीन करना बिल्कुल मुनासिब नहीं है जब तक कि तहक़ीक़ ना कर लें, अब जब बात सुनी सुनाई बात पर आ ही गई है तो एक बात और कह दूं आज कल सोशल मीडिया पर इस क़दर जिहालत फैलाई जा रही है कि जिसकी कोई हद नहीं और कहीं ना कहीं इसमें हम और आप ही ज़िम्मेदार हैं, जब भी कोई नफ़्ल रोज़ा रखने का महीना आता है तो ये मैसेज ज़रूर आता है कि ये रोज़ा रखने पर 2 साल का सवाब और किसी को बताने पर 80 साल का सवाब माज़ अल्लाह, जान लीजिये कि ये मैसेज ज़रूर ज़रूर ज़रूर किसी मरदूद लाअनती का बनाया हुआ है जो ये चाहता है कि लोग इबादत से गाफिल हो जायें और सिर्फ नेट पर बैठकर अपना टाइम खराब करते रहे वरना एक मुसलमान ये सोच भी नहीं सकता कि खुद इबादत ना करे और सिर्फ किसी दुसरे को वही इबादत की तलक़ीन करदे तो उससे ज़्यादा सवाब मिलेगा, मगर हाय रे आज के जाहिल मुसलमानों की अक्ल जैसे ही कोई मैसेज आया लगे तुरंत उसको फारवर्ड करने ये भी नहीं सोचते कि पहले इसकी तहक़ीक़ तो कर लें कि ये बात सही भी है या नहीं, खुद मेरे पास पर्सनल में यही मैसेज आशूरह के तअल्लुक़ से सैकड़ो की गिनती से आये हैं अब क्या कहूं लोगों को, मेरे भाई दीनी बात शेयर करना अच्छा है मगर वही जो सही है हर गलत सलत बात किसी को बताने से सवाब नहीं मिलता उल्टा गुनाह मिलता है और कहीं माज़ अल्लाह अगर वो बात गुमराही की हुई तो आप गुमराह हुए और कुफ्र तक पहुंच गई तो आपका ईमान खतरे में आ गया लिहाज़ा हर मैसेज को शेयर करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं है*_
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