Friday, September 28, 2018



        *_हज़रत नूह अलैहिस्सलाम हिस्सा- 1_*
―――――――――――――――――――――

*_आपका नाम अब्दुल ग़फ्फार या अब्दुल जब्बार है और नूह यानि बहुत रोने वाला लक़ब इस लिए हुआ कि आप अपनी उम्मत के गुनाहों पर बहुत रोये हैं, आपके वालिद का नाम लमक और वालिदा का नाम सहमा था और दादा का नाम मतुशल्ख है, आप हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के विसाल के 126 साल बाद पैदा हुए_*

_*📕 अलइतकान, जिल्द 2, सफह 175-179*_
_*📕 हयातुल हैवान, जिल्द 1, सफह 11*_

*_आपकी काफिर बीवी का नाम वाइला और काफिर बेटे का नाम कुंआन था_*

_*📕 तफसीरे खज़ाएनुल इरफान, सफह 270*_

*_काफिरों की तरफ सबसे पहले तब्लीग़ के लिए आप ही को भेजा गया_*

_*📕 तफसीरे नईमी, जिल्द 3, सफह 348*_

*_आपने अपनी क़ौम को 950 साल तक तब्लीग़ फरमाई मगर चन्द अफराद को छोड़कर पूरी कौम अपने कुफ्र पर क़ायम रही जिस पर आपने उनके लिए बद्दुआ कर दी और पूरी क़ौम तूफाने नूह में गर्क हो गई_*

_*📕 तफसीरे खाज़िन, जिल्द 5, सफह 157*_

*_सबसे पहले चमड़े का जूता आपने ही पहना_*

_*📕 मिरआतुल मनाजीह, जिल्द 6, सफह 141*_

*_सबसे पहले आपने ही उम्मत को दज्जाल के अज़ाब से डराया_*

_*📕 मिश्कात, जिल्द 2, सफह 473*_

*_बुतपरस्ती की शुरुआत हज़रत नूह अलैहिस्सलाम की उम्मत में ही हुई, वाक़िया ये हुआ कि आपकी उम्मत के 5 नेक लोग जिनका नाम वुद, सुवा, यग़ूस, यऊक़ और नस्र था, जब इनका इन्तेक़ाल हो गया तो इनकी औलाद को बहुत रंज हुआ मौक़ा देखकर इब्लीस उन लोगों के पास गया और कहने लगा कि अगर मैं एक रास्ता बताऊं तो तुम्हारा ग़म कुछ हल्का हो सकता है, उन्होंने हामी भरी तो इस मरदूद ने उन पांचो के बुत बना दिए शुरू शुरू में सिर्फ उन बुतों को देखकर ही घर वाले तसल्लियां कर लेते थे मगर बाद में आने वालों ने उनकी पूजा करनी शुरू कर दी, इसी लिए इस्लाम में जानदार की तस्वीर हराम फरमाई गई_*

_*📕 अहकामे तस्वीर, सफह 9*_

*_तूफाने नूह से पहले अल्लाह ने इब्तिदाई तौर पर उन पर बारिश बंद कर दी और और उनकी औरतों को बांझ कर दिया, जब वो इसकी शिकायत लेकर हज़रत नूह अलैहिस्सलाम के पास पहुंचे तो आप फरमाते हैं कि अल्लाह से माफी मांगो वो तुम्हारी सारी मुश्किल आसान कर देगा जिस पर क़ौम नहीं मानी_*

*_एक मर्तबा हज़रत इमाम हसन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के पास चन्द लोग अपनी परेशानी लेकर हाज़िर हुए उसमें से एक ने सूखे की शिकायत की आपने फरमाया कि अस्तग़फ़ार करो दूसरा बोला कि मैं गरीब हूं तो आपने फरमाया कि अस्तग़्फार करो तीसरे ने औलाद ना होने की शिकायत की तो आपने फरमाया कि अस्तग़्फार करो फिर चौथा ज़मीन से कम पैदावार की अर्ज़ लेकर आया तो फरमाया कि अस्तग़्फार करो, हाज़ेरीन ने कहा कि ऐ इमाम परेशानी सबकी जुदा जुदा है और आप हल सबका एक ही फरमा रहे हैं इसकी क्या वजह है तो आप फरमाते हैं कि जब हज़रत नूह अलैहिस्सलाम की क़ौम अपनी जुदा जुदा मुश्किल को लेकर उनकी बारगाह में हाज़िर हुई तो आपने तमाम मुश्किलों का एक ही हल बताया था कि खुदा से माफी मांगो और ये क़ुरान से साबित है, तो हर मुश्किल का हल खुदा की बारगाह में तौबा करने से हासिल हो जायेगा_*

_*📕 तज़किरातुल अम्बिया, सफह 69*_

*_आपको क़ौम ने माज़ अल्लाह गुमराह झूटा व मजनून कहा मगर आप उनके लिए हिदायत की दुआ ही करते रहे मगर जब अल्लाह ने आप पर वही फरमाई कि अब तुम्हारी क़ौम से कोई मुसलमान ना होगा मगर जितने ईमान ला चुके तब आपने उनके लिए हलाक़त की दुआ की तो मौला ने आपको कश्ती बनाने का हुक्म दिया_*

_*📕 तज़किरातुल अम्बिया, सफह 71*_

*_कश्ती बनाने में मदद के लिए हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम हाज़िर हुए और 2 सालों में कश्ती बनकर तैयार हुई_*

_*📕 तफसीरे सावी, जिल्द 2, सफह 72*_

*_ये कश्ती साल की लकड़ी से बनाई गई जिसकी लंबाई 900 फिट चौड़ाई 150 फिट और ऊंचाई 90 फिट थी और इसमें 3 दर्जे थे सबसे नीचे वाले दर्जे में जंगली जानवर जैसे शेर चीता सांप बिच्छू वगैरह थे बीच वाले में पालतू जानवर थे और सबसे ऊपर वाले हिस्से में हज़रत नूह अलैहिस्सलाम मय ईमान वालों और खाने पीने की चीज़ के साथ सवार हुए_*

_*📕 खज़ाएनुल इरफान, सफह 269*_

*_कश्ती में कुल 80 लोग सवार हुए जिनमे 3 आपके बेटे साम, हाम और याफिस और 3 उनकी बीवियां खुद हज़रत नूह अलैहिस्सलाम और उनकी एक मोमिना बीवी हज़रत आदम अलैहिस्सलाम का जस्द मुबारक जो कि ताबूत में था और आपके काफिर बेटे की बीवी जो कि मोमिना थी और 70 मुसलमान मर्दो औरत_*

_*📕 अलमलफूज़, हिस्सा 1, सफह 64*_
_*📕 तज़किरातुल अम्बिया, सफह 71*_

*_ये कश्ती मस्जिदे कूफा के पास बनाई गई_*

_*📕 जलालैन, हाशिया 4, सफह 183*_

*_ये कश्ती 124000 और 4 तख्तों से बनी कि हर तख्ते पर एक नबी का नाम लिखा होता था और 4 तख्तों पर चारों खुल्फा का नाम दर्ज था, इस रिवायत में इख्तिलाफ हो सकता है इसलिए कि अम्बिया इकराम की तादाद मुतअय्यन करना हरगिज़ जायज़ नहीं_*

*📕 नुज़हतुल मजालिस 5, सफह 34*_

*_चुंकि जहां ये कश्ती बनायी गई उस जगह पानी का नामो निशान तक ना था लिहाज़ा काफिर हज़रत नूह अलैहिस्सलाम को कश्ती बनाता देखकर उनका मजाक उड़ाया करते थे फिर जब तूफान का वक़्त आया तो मौला ने हज़रत नूह अलैहिस्सलाम को बता दिया कि जब तन्नूर से पानी उबलना शुरू हो जाए तो कश्ती में सवार हो जाना कि वही इब्तिदा होगी, ये तन्नूर आम तन्नूर था जिसमे औरतें रोटियां पकाया करती थीं_*

_*📕 तज़किरातुल अम्बिया, सफह 73*_

*_हज़रत नूह अलैहिस्सलाम दिन भर कश्ती बनाते और आपकी क़ौम रात को आकर वो कश्ती खराब करके चली जाती तब आपने बाहुकमे खुदावन्दी कुत्ते को रात भर जागकर पहरेदारी के लिए मुकर्रर किया_*

_*📕 हयातुल हैवान, जिल्द 2, सफह 306*_

*_तूफान की शुरुआत 1 रजब को हुई_*

_*📕 अलमलफूज़, हिस्सा 1, सफह 64*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━

No comments:

Post a Comment

Al Waziftul Karima 👇🏻👇🏻👇🏻 https://drive.google.com/file/d/1NeA-5FJcBIAjXdTqQB143zIWBbiNDy_e/view?usp=drivesdk 100 Waliye ke wazai...