_*शान-ए-आला हज़रत*_
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_*🔘 आज पूरी दुनिया ए अहले सुन्नत अपने अज़ीम ईमाम व पेशवा इमाम अहले सुन्नत, इमामे आशिका, मुहक़्क़ीके दौरा, अल्लामा ऐ ज़मा, फखरुल अया, कसिरुल एहसा, मोअत्मद ऐ आलिमा, मुअल्लिमें फ़कीहा, ताजुल ओलमा, ताजुल हुकमा, सिराजुस्सुल्हा, सिराजुल फुक़हा, साहिबे फहमो ज़का, इमामुल मशाइखो वल फुक़हा, बकीयतुल सल्फ, हुज़्ज़तुल ख़ल्क़, ताजुल फुहुल, कुश्ता ऐ इश्के रसूल, जामे ओलमा, कुले वन मनकूल, मुहिब्बे औलादे बतूल, फाजिले ज़लील, आलिमे नबील, मुजद्दीसे अदील, शमशीरे बेनिआम, रहनुमा ऐ हर खासो आम, सय्यदुल ओलमा ऐ वल आअलाम, कुदवतुस्सालेकिन, ज़ुद्दतूल आरेफीन, हुज़्ज़तुल सालेकिन, सनदुल मुहद्दिसीन, सुल्तानुल आशेकीन, इल्मो हिकमत के बहरे बेकरा,*_
_*💫 इमामे आज़म के तदब्बुर के निशा, आला हज़रत, अजीमुल बरकत, अजीमुल मरतबत, कंजुल करामत, ज़बले इस्तेक़ामत, साहिबे रुष्दों हिदायत, मख़ज़ने उलूमे शरीयतो मारेफ़त, वारिसे ताज़े मुजद्दीदयत, मुजद्दीदते हाजरा व साबेक़ा, मुहिय्यते मिल्लते ताहिरा, साहिबे हुज़्ज़ते काहिरा, मतलाऐ अनवारे रहमानी, मम्बा ऐ असरारे समदानी, काशिफे रुमूज़े पहनानी, फानूसे नूरे हक़्क़ानी, नाइबे गौसे जिलानी, जानशीने इमाम रब्बानी, हक़्क़ो सदाक़त की निशानी, अल हाफ़िज़, अल आलिम, अल फ़ाज़िल, अल मुहद्दिस, अल मुफ़स्सिर, अल मुदक़्क़ीक़, अल मुहक़्क़ीक़, अल मुफ़क़्क़ीर, अल मुअर्रिख.*_
_*🌹आला ह़जरत अश्शाह इमाम अहमद रज़ा ख़ान رحمۃ اللہ تعالٰی علیہ का यौमे विलादत बड़ी ही खूब सूरत अंदाज में शरीयत के दायरे में रेह के मना रही है अल्हम्दुलिल्लाह और जलने वाले जल के और खाक हो रहे हैं..!*_
_*सब उनसे जलने वालो के गुल हो गए चराग,*_
_*अहमद रज़ा की शम्मा फ़िरोज़ा है आज भी।*_
_*खाक हो जाये अदु जल कर मगर हम तो रज़ा*_
_*दम में जब तक दम है जिक्र उनका सुनाते जाएंगे.*_
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