_*फैज़ाने सैय्यदना अमीरे मुआविया (पार्ट- 18)*_
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*_ज़बान बन्द रखी जाये_*
_*🌹पीराने पीर रौशन ज़मीर हज़रत सैय्यदना ग़ौसुल आज़म सैय्यद अ़ब्दुल क़ादिर जीलानी रदिअल्लाहो तआला अन्ह फ़रमाते हैं : "हज़रत सैय्यदना अ़लिय्युल मुुर्तज़ा रदिअल्लाहो तआला अन्ह और हज़रत सैय्यदना अमीरे मुआविया रदिअल्लाहो तआला अन्ह के दरमियान जो भी इख़्तिलाफ़ात हुए उन्हें अल्लाह की मश्शियत समझ कर ज़बान बन्द रखी जाये।"*_
*_📕 अलग़ुनिया, अलक़िस्मुस्सानि, अलअक़ाइद वलफेरक़अल्इसस्लामिया, फि फज़लिल उम्मह अल मोहम्मदीया, जिल्द नम्बर 01, पेज नम्बर 161_*
*_💡ऐसे शख़्स से ताल्लुक़ न रखो_*
_*☝🏻एक दफ़ा हज़रत सैय्यदना इमाम अहमद बिन ह़म्बल रदिअल्लाहो तआला अन्ह की बारगाह में अर्ज़ किया गया : यहां एक शख़्स ऐसा भी है जो हज़रत सैय्यदना उ़मर बिन अ़ब्दुल अ़ज़ीज़ रदिअल्लाहो तआला अन्ह को हज़रत सैय्यदना अमीरे मुआविया रदिअल्लाहो तआला अन्ह पर फ़ज़ीलत देता है.?*_
_*🌹हज़रत सैय्यदना इमाम अहमद बिन ह़म्बल रदिअल्लाहो तआला अन्ह फ़रमाते हैं: "न ऐसे शख़्स की सोहबत इख़्तेेयार करो, न ही उसके साथ खाओ पिओ और जब वोह बीमार हो जाए तो उसकी इ़यादत भी न करो।"*_
*_📕 जै़लो त़बक़ातील हनाबेलाह, वफियातुल मेअह अस्सादिसाह, यहया बिन अब्दुल वह्हाब बिन मोहम्मद, जिल्द नम्बर 03, पेज नम्बर 111_*
_*📮जारी रहेगा.....*_
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