_*फैज़ाने सैय्यदना अमीरे मुआविया (पार्ट- 20)*_
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_*🕋अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त का करम हुआ और आप सभी भाईयों की मोहब्बत की वजह से हम मुसलसल 20 दिनों से हज़रत अमीेरे मुआविया के ताल्लुक से उनकी शान में पोस्ट बना कर आप सभी की ख़िदमत में हाज़िर करते रहे, हम उन लोगों के बहुत शुक़्रगुज़ार है जिन लोगों ने हमारी मदद की और इस पैगाम को दूसरों तक पहुँचाया। आज हमारी इस मौज़ू पर आख़िरी पोस्ट है और हम बहुत जल्द ही एक नये उन्वान के तहत इसी तरह से पोस्ट बना कर आप सभी से जुड़े रहेंगे और आप भी हमारी पोस्ट का Response दिया कीजिए जिससे हमें अपने अगले उन्वान की पोस्ट बनाने में हौसला अफ़्ज़ाई हो।*_
_*मेेरे इमाम ने कितनी हक़ बात कह दी👇🏻*_
*_🌹शाने हज़रत अमीरे मुअाविया ब-ज़बाने इमामे अहले सुन्नत, मुजद्दिदे दीनो मिल्लत, हम सुन्नियों की जान, सरकार सैय्यदी आला हज़रत अज़ीमुल-बरक़त_*
_*🌹आला हज़रत अश्शाह इमाम अह़मद रज़ा खान फ़ाज़िले बरेलवी रदिअल्लाहो तआला अन्ह, हज़रत सैय्यदना अमीरे मुआविया रदिअल्लाहो तआला अन्ह के फ़ज़ाइल के मुताल्लिक़ इरशाद फ़रमाते हैं : बा'ज जाहिल बोल उठते हैं कि हज़रत सैय्यदना अमीरे मुआविया रदिअल्लाहो तआला अन्ह की फ़ज़ीलत में कोई हदीस सह़ीह़ नही है ये उनकी नादानी है। उल्माए मुहद्दिसीन अपनी इस्त़िलाह़ पर क़लाम फ़रमाते हैं, येह बे-समझे ख़ुदा जाने कहां से कहां ले जाते हैं? अ़ज़ीज़ व मुस्लिम की सिह़्ह़त नहीं फिर हसन क्या कम है? ह़सन भी न सही यहां ज़ईफ़ भी मुस्तह़्कम है।*_
_*📕 फ़तावा रज़विया शरीफ़ जिल्द 5, सफ़ा नं. 478*_
_*ये मसला जिसे समझने में कोई दिक्कत पेश आती हो तो अपनी मस्जिदों के इमाम से समझ ले, क्युंंकी क़लम आला हज़रत का है और आला हज़रत का लिखा हुआ क़लाम या उनकी बातें समझना हर किसी आम इंसान के बस की बात नहीं है और मेरी इन पोस्ट से जिसे भी तकलीफ हुई हो तो वो ख़ुद अपनी इस्लाह कर ले क्योंकि हक़ बात कढ़वी ही होती है।*_
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_*📝नोट : आप सभी सुन्नी सही-उल-अक़ीदा मुसलमान भाईयो से गुजारिश है हमारे अज़ीज़ दोस्त (आफ़ताब आलम क़ादरी रज़वी) भाई के लिए दुआ करे जिनकी मेहनत से हमे (फैज़ाने सैय्यदना अमीरे मुआविया रदिअल्लाहो तआला अन्हु) की शान मे पोस्ट पड़ने को अता हुआ*_
_इन'शा'अल्लाह आगे भी वो हमे इल्मी पोस्ट अता करते रहेंगे_
_*📮उन्वान खत्म.....*_
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