_*औरतों की मजारात पर हाजिरी देना कैसा*_
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_*📖सवाल - इस्लामी बहने कब्रिस्तान या मजाराते औलिया पर जा सकती है या नही..?*_
_*✍🏻जवाब - औरतो के लिए बाज उलमा मे जियारते कुबुर को जाईज बताया दुर्रे मुख्तार मे यही कौल इख्तियार किया*_
_*मगर अजीजो की कुबुर पर जाएगी तो जजअ व फजअ यानी रोना पीटना करेगी लिहाजा मना है*_
_*सालिहीन की कुबुर पर बरकत के लिए जाए तो बुढीयो के लिए हर्ज नही और जवानो के लिए मना*_
_*📕 दुर्रे मुख्तार जिल्द-3, सफा-178*_
_*अल्लामा मुफ्ती मुहम्मद अमजद अली आजमी अलैही रहमतुल्लाह फरमाते है :*_
_*और अस्लम यानी सलामती का रास्ता यह है कि औरते मुत्लकन मना की जाए कि अपनो की कुबुर की जियारत मे तो वह जजअ व फजअ यानी रोना पीटना है*_
_*और सालिहीन की कुबुर पर या ताजीम मे हद से गुजर जाएगी या बे अदबी करेगी तो औरतो मे यह दोनो बाते कसरत से पाई जाती है*_
_*📕 बहारे शरीअत, जिल्द अव्वल, सफा 849*_
_*मेरे आला हजरत अजीमुल बरकत मुजदद्दीदे दीनो मिल्लत ने औरतो को मजारात पर जाने की जाब जा बजा मुमा न अत फरमाई चुनान्चे*_
_*एक मकाम पर फरमाते है इमाम काजी रहमतूल्लाह तआला अलैही से इस्तिफ्ता सवाल हुआ कि*_
_*औरतो का मकबिर को जाना जाईज है या नही..!*_
_*तो आप ने फरमाया ऐसी जगह जवाजे व आदमे जवाज यानी जाईज व ना जाईज का नही पुछते यह पुछो कि*_
_*📍औरत पर कितनी लानत पडती है*_
_*जब घर से कुबुर की तरफ चलने का इरादा करती है अल्लाह तआला और फरिश्तो की लानत होती है*_
_*जब घर से बाहर निकलती है सब तरफो से शैतान उसे घेर लेते है*_
_*जब कब्र तक पहुचती है मय्यत की रूह उस पर लानत करती है जब तक वापस आती है अल्लाह तआला की लानत मे होती है.!*_
_*📕 फतावा रजविया, जिल्द 9, सफा 557*_
_*🕋अल्लाह तआला हमारे माँ बहनो को इन सब बातों पर अमल करने की तौफिक बख्शे..!*_
_*🌹आमीन सुम्मा आमीन*_
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_*🌹आमीन सुम्मा आमीन*_
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