_*बहन या बेटी की परवरिश का सिलाह*_
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_*📚हदीस : नबी-ए-करिम (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने इरशाद फरमाया :*_
_*"जिस (मुस्लमान) ने अपनी एक भी लड़की या बहन की परवरिश की और उसे सराई अदब सिखाया, उसे प्यार व मुहब्बत से पेश आया और उनकी शादी (निकाह) करवा दी तो अल्लाह तआला उसे जन्नत मे दाखिल करेगा"*_
_*📕 अबु दाऊद, जिल्द-3, बाब-578, हदीस-1706, सफा-617*_
_*📚हदीस : नबी-ए-करिम (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने इरशाद फरमाया :*_
_*"जो (मुस्लमान) लोग अपनी बच्चीयों को प्यार व मुहब्बत से परवरिश करेगें तो ओ बच्चीयां उनके लिये जहन्नम से आड़ (दिवार) बन जाएगी"*_
_*📕 तिर्मिजी शरिफ, जिल्द-1, बाब-1279, हदीस-1980, सफा-901*_
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