_*तहरीक-ए-अमीने शरीअत (पार्ट- 05)*_
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_*🌹हुज़ुर अमीने शरीअ़त अलैहिर्रहमा के मज़ामीन का एक हसीन गुलदस्ता..!*_
_*रस्मे बिस्मिल्लाह ख़्वानी : हुज़ुर अमीने शरीअत का बचपन बफज़ले तआला वालेदैन करीमैन की शफक़तो ईनायत और बेपाया अलताफो नवाजेशात के साये मे गुजरा..!*_
_*छोटी सी उम्र मे आपके वालीदे माजीद ने आपके मामु मरहुम मौलाना अब्दुल हादी साहब के मकान मे रस्मे बिस्मिल्लाह ख़्वानी की एक महफील का इनएकाद किया.!*_
_*और आपके छोटे दादा हज़रत मौलाना मुहम्मद रज़ा खां अलैहीर्रहमा ने रस्मे बिस्मिल्लाह ख़्वानी अदा कराई.!*_
_*आपके वालेदैन करीमैन ने परवरीश व तरबीयत मे इन्तेहाई दर्जे का खयाल रखा..!*_
_*आप बचपन मे बच्चो के साथ न खेलते और अपना वक्त खेलकुद मे बरबाद करने के बजाए किताबे पढ़ने मे मशगुल रहते..!*_
_*तालीम व तर्बीयत : हुज़ुर अमीने शरीअत की आला तालीम के लिये आपके वालीदे माजीद ने आपका दाखीला दारुल उलुम मज़हरे इस्लाम मे कराया.! और शुरु से आख़ीर तक आपने यही पर तालीम हासील की और दो साल इल्मे तब की पढ़ाई के लिये अपने रफीक दर्स मौलाना फैज़ान अली रज़वी बेसलपुरी के साथ अलीगढ़ तशरीफ ले गए.!*_
_*✍🏻मुहम्मद जुनैद रज़ा अज़हरी*_
_*📮जारी रहेगा......*_
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