_*तहरीक-ए-अमीने शरीअत (पार्ट- 10)*_
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_*🌹हुज़ुर अमीने शरीअ़त अलैहिर्रहमा के मज़ामीन का एक हसीन गुलदस्ता..!*_
_*बैअत व ख़िलाफत : हुज़ुर अमीने शरीअत के छोटे भाई हज़रत हबीब मियां साहब फरमाते हैं :*_
_*जब वालिदे मोहतरम ने हम तीने भाईयों को हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द से बैअत कराया तो कुछ लोगो ने कहा के हुज़ुर आपने अपने शहज़ादों के लिये हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द का ही इन्तेखाब क्युं फरमाया.?*_
_*आप इरशाद फरमाने लगे मैने हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द का बचपन देखा, फिर जवानी देखी, और अब बुढ़ापा देख रहा हुं मैने उन्हे हमेशा आलीमे-बा-अमल (अपने इल्म पे अमल करने वाला) पाया.!*_
_*लेहाजा मैने अपने तीनो बेटों की बैअत के लिये हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द का इन्तेखाब किया.!*_
*📕 مضامین امین شریعت*
_*✍🏻मुहम्मद जुनैद रज़ा अज़हरी*_
_*📮जारी रहेगा......*_
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