_*तहरीक-ए-अमीने शरीअत (पार्ट- 18)*_
―――――――――――――――――――――
_*🌹हुज़ुर अमीने शरीअ़त अलैहिर्रहमा : के मज़ामीन का एक हसीन गुलदस्ता..!*_
_*दर्स व तदरीस : सन् 1963 मे हुज़ुर अमीने शरीअत कांकेर छत्तीसगढ़ तशरीफ लाए और जब आपने शहरे कांकेर का नज़ारा किया तो हज़रत ने फरमाया ये तो वही है जिसे मैने आलमे ख्वाब मे देखा है.!*_
_*के जब आप बरेली शरीफ मे थे तो आपने ख्वाब मे देखा के एक नदी (जिसे दुध नदी कहा जाता है) जिसमे आगे-आगे हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द है उनके पिछे मुफ्ती अब्दुल रशीद फतेहपुरी अलैहीर्रहमा और उनके पिछे-पिछे हुज़ुर अमीने शरीअत चल रहे थे.!*_
_*कुछ रोज आप कांकेर मे रहे और फिर वहां के लोगो के इसरार पर मुस्तकील आप वहीं रहने लगे...*_
*📕 مضامین امین شریعت*
_*✍🏻मुहम्मद जुनैद रज़ा अज़हरी*_
_*📮जारी रहेगा......*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
No comments:
Post a Comment