_*तहरीक-ए-अमीने शरीअत (पार्ट- 20)*_
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_*🌹हुज़ुर अमीने शरीअ़त अलैहिर्रहमा के मज़ामीन का एक हसीन गुलदस्ता..!*_
_*दर्स व तदरीस : मुखालेफिन ने हुज़ुर अमीने शरीअत के उपर जुल्मो सितम के पहाड़ तोड़े लेकीन आप अज़मते इस्लाम और नामुसे रिसालत कि हिफाजत और शरीअत की पासदारी करते रहे.!*_
_*इसी वजह से दुनीया आपको अमीने शरीअत के नाम से जानती है.! आपने छत्तीसगढ़ के मुसलमानो के इमान व अकीदे की हिफज़त करके एहसाने अज़ीम फरमाया.!*_
_*इमान से ज्यादा एक मुसलमान के लिये किमती सरमाया कोई दुसरी शय नही हो सकती.!*_
_*इमान के बगैर अंधेरा ही अंधेरा है इमान हुज़ुर की मोहब्बत व उलफत और ताज़ीमो तौकीर का नाम है.!*_
_*"खुद प्यारे आका सलल्लाहो अलैह वसल्लम फरमाते हैं :*_
_*तुम मे कोई शख्स मुसलमान नही हो सकता जब तक मै उसके मां-बाप, औलाद और तमाम लोगो से ज्यादा प्यारा न हो जाऊं.!"*_
*📕 مضامین امین شریعت*
_*✍🏻मुहम्मद जुनैद रज़ा अज़हरी*_
_*📮जारी रहेगा......*_
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