_*तहरीक-ए-अमीने शरीअत (पार्ट- 21)*_
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_*🌹हुज़ुर अमीने शरीअ़त अलैहिर्रहमा : के मज़ामीन का एक हसीन गुलदस्ता..!*_
_*मोहब्बत का आलम : हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द, हुज़ुर अमीने शरीअत से बेपनाह मोहब्बत फरमाते थे.!*_
_*हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द का आपसे मोहब्बत इस वाकये से पता चलता है की हुज़ुर अमीने शरीअत का बचपन का जमाना था एक मरतबा ईद की नमाज़ पढ़ाने के लिये हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द ने आपको अपने साथ ईदगाह ले गए चलते वक्त हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द ने फरमाया के :*_
_*घर से एक अमामा ले लो आपने हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द का ही अमामा ले लिया और साथ चले गए ईदगाह पहुचे और जब नमाज़ का वक्त करीब आया तो फरमाया खड़े हो जाओ हुज़ुर अमीने शरीत खड़े हो गए.!*_
_*फिर हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द भी खड़े हुए तो सारा मजमा खड़ा हो गया फिर हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द आपके सर पर अमामा बांधने लगे.!*_
_*उसी दौरान मजमे से एक साहब ने हज़रत से दरयाफ्त किया की ये कौन है..?*_
_*तो हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द ने फरमाया क्या आप नही जानते ये मेरा बच्चा है फिर आपके वालीद का नाम लेकर फरमाया ये उनका लड़का है.!*_
_*हुज़ुर अमीने शरीअत को सनद व खिलाफत अता फरमाते वक्त भी आपका नाम लिखने से पहले हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द अलैहीर्रहमा ने अपने दस्ते करम से [الولد العزیز] लिखा जिसका माना है "प्यारा बच्चा",*_
*📕 مضامین امین شریعت*
_*✍🏻मुहम्मद जुनैद रज़ा अज़हरी*_
_*📮जारी रहेगा......*_
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