_*तहरीक-ए-अमीने शरीअत (पार्ट- 22)*_
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_*🌹हुज़ुर अमीने शरीअ़त अलैहिर्रहमा के मज़ामीन का एक हसीन गुलदस्ता..!*_
_**मोहब्बत का आलम : हुज़ुर अमीने शरीअत भी हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द से बेपनाह मोहब्बत फरमाते थे.!*_
_*यही वजह थी की जब भी आपकी बारगाह मे हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द का तज़किरह होता तो आपकी आंखे अस्कबार हो जाती.!*_
_*जब हुज़ुर मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द अलैहिर्रहमा हज्जे बैतुल्लाह के लिये तशरीफ ले गए और ज्यारते हरमैन शरीफैन से मुशर्रफ होकर बखैर हिन्दुस्तान तशरीफ लाए तो उस मौके पर हुज़ुर अमीने शरीअत अलैहिर्रहमा ने ये मनकबत के अशआर लिखे थे.! जो निचे है..*_
*📚مضامین امین شریعت*
_*मुबारक रुखसत हो के मुस्तफा से मुस्तफा आये.!*_
_*खुदा का शुक्र है क़ाबे से मेहमाने खुदा आये.!!*_
_*अदाए फर्ज करके फिर गए क़ाबे के क़ाबा को.!*_
_*वंहा से दौलते कौनैन लेकर मरहबा आए.!!*_
_*ये कैसी रहमतों की बदलीयां छाई जमाने पर.!*_
_*ज्यारत करके शायद मुस्तफा की मुस्तफा आए.!!*_
_*मसर्रत ही मसर्रत हो रही है अहले सुन्नत को.!*_
_*अदाए फर्ज करके आज उनके पेशवा आए.!!*_
_*मुझे मुश्कील है एै आका, पहुंचना दस्ते तैबा मे.!*_
_*जो तुम चाहो तो एै मौला ये सिब्तैन रज़ा आए.!!*_
_*✍🏻हुज़ुर अमीने शरीअत अल्लामा सिब्तैन रज़ा खां अलैहिर्रहमा.*_
_*✍🏻मुहम्मद जुनैद रज़ा अज़हरी*_
_*📮पोस्ट खत्म......*_
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