_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 085)*_
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*आखिरत और हश्र का बयान*
☝️ *( 21 ) दज्जाल का जाहिर होना : - दज्जाल जब सारी दुनिया में फिर फिरा कर मुल्के शाम में पहुँचेगा तो उस वक्त हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम आसमान से दमिश्क की जामे मसिज्द के पूर्वी मीनार पर सुबह के वक़्त ऐसे वक़्त पर उतरेंगे जब कि फज्र की नमाज़ के लिए तकबीर हो चुकी होगी हज़रते इमाम मेहदी भी उस जमाअ़त में मौजूद होंगे उन से हज़रते ईसा अलैहिस्सलाम इमामत के लिए कहेंगे हज़रते इमाम मेहदी रदियल्लाहु तआला अन्हु नमाज पढ़ायेंगे उधर दज्जाल का हाल यह होगा कि वह हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की साँस की खुश्बू से पिघलना शुरू होगा जैसे पानी में नमक घुलता है और साँस को खुश्बू दूर दूर तक फैलेगी दज्जाल भागता फिरेगा और हज़रते ईसा अलैहिस्सलाम उसका पीछा करते हुए उसकी पीठ पर नेजा मारेंगे और उस जहन्नमी को मौत के घाट उतार देंगे*
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 32*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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