_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 084)*_
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*आखिरत और हश्र का बयान*
☝️ *( 21 ) दज्जाल का जाहिर होना : - अलबत्ता मदीने शरीफ में तीन ज़लज़ले आयेंगे वहा के जो लोग ज़ाहिर में मुसलमान बने होंगे और दिल से काफिर होंगे और वह लोग जिनके बारे में अल्लाह जानता है कि वे दज्जाल पर ईमान लाकर काफिर होंगे वह सब लोग इन ज़लज़लों के डर से शहर छोड़कर भागेंगे और दज्जाल के फितने का शिकार होंगे दज्जाल के साथ यहूदियों की फौज होगी दज्जाल के माथे पर `काफ' फे'रे यानी काफिर लिखा होगा यह लफ्ज़ सिर्फ मुसलमान ही पड़ सकेंगे किसी काफिर को नज़र न आयेंगे*
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 31 32*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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