_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 012)*_
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_*तीसरी बात यह है कि जब यह आयत उतरी कि :*_
_*📝तर्जमा :- बेशक करीब है कि तुम्हें तुम्हारा रब इतना अता फरमायेगा कि तुम राज़ी हो जाओगे।*_
_*तो हुज़ूर सैय्यदुल महबूबीन (सल्लल्लाहू तआ़ला अलैहि वसल्लम) ने यह फरमाया कि :*_
_*📝तर्जमा :- अगर ऐसा है तो मैं नहीं राज़ी होंगा अगर मेरा एक उम्मती भी आग में हो। यह तो बड़ी ऊँची बातें है और उनकी शान तो ऐसी है कि जिस पर सारी बलन्दियाँ कुर्बान हैं।*_
_*मुसलमान के कच्चे बच्चे जो हमल से गिर जाते हैं उनके लिए भी हदीसों में आया है कि वे अपने माँ बाप की बख्शिश के लिए अपने रब से क़ियामत के दिन ऐसा झगड़ेगे कि जैसा कोई कर्ज़ा देने वाला अपने दिये हुए कर्जे के लिये झगड़ा करता है और उस झगड़ने वाले कच्चे बच्चे से यह कहा जायेगा कि :*_
_*📝तर्जमा :- ऐ अपने रब से झगड़ने वाले कच्चे बच्चे! अपने माँ बाप का हाथ पकड़ ले और जन्नत में चला जा।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 9*_
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