_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 033)*_
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_*☝🏻अक़ीदा :- हजरते आदम अलैहिस्सलाम को अल्लाह तआला ने बिना माँ बाप के मिट्टी से पैदा किया और अपना खलीफा (नाइब) बनाया और तमाम चीजों का इल्म दिया। फरिश्तों को अल्लाह ने हुक्म दिया कि हजरते आदम अलैहिस्सलाम को सज्दा करें। सभी ने सजदे किए लेकिन शैतान जो जिन्नात की किस्म में से था मगर बहुत बड़ा आबिद और जाहिद होने की वजह से उसकी गिनती फरिश्तों में होती थी उसने हजरते आदम को सजदा करने से इन्कार कर दिया इसी लिए वह हमेशा के लिए मरदूद हो गया।*_
_*☝🏻अक़ीदा :- हजरते आदम अलैहिस्सलाम से पहले कोई इन्सान नहीं था बल्कि सब इन्सान हज़रते आदम अलैहिस्सलाम की ही औलाद हैं। इसीलिए इन्सान को आदमी कहते हैं यानी आदम की औलाद और चूंकि हजरते आदम अलैहिस्सलाम सारे इन्सानों के बाप हैं इसीलिए उन्हें 'अबुल बशर' कहा जाता है। यानी सब इन्सानों के बाप।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 17*_
_*🖋तालिब-ए-दुआ : मुशाहिद रज़ा अज़हरी*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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