_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 034)*_
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_*☝🏻अक़ीदा :- सब में पहले नबी हज़रते आदम अलैहिस्सलाम हुए और सब में पहले रसूल जो काफिरों पर भेजे गए हज़रते नूह अलैहिस्सलाम हैं।*_
_*उन्होंने साढे नौ सौ बरस तबलीग की। उनके जमाने के काफिर बहुत सख़्त थे। वह हज़रते नूह अलैहिस्सलाम को दुख पहुँचाते और उनका मजाक उड़ाते। यहाँ तक कि इतनी लम्बी मुद्दत में गिनती के लोग मुसलमान हुए। बाकी लोगों को जब उन्होंने देखा कि वह हरगिज़ राहे रास्त पर नहीं आयेंगे और अपनी हठधर्मी और कुफ़ से बाज नहीं आयेंगे तो मजबूर होकर उन्होंने अपने रब से काफिरों की हलाकी और तबाही के लिए दुआ की।*_
_*नतीजा यह हुआ कि तूफान आया और सारी जमीन डूब गई और सिर्फ वह गिनती के मुसलमान और हर जानवर का एक एक जोड़ा जो कश्ती में ले लिया गया था बच गया।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 17*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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