_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 093)*_
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*आखिरत और हश्र का बयान*
*☝️(25) उसके बाद एक ऐसा वक़्त आयेगा कि अल्लाह के हुक्म से ऐसा धुआँ ज़ाहिर होगा कि ज़मीन से आसमान तक अँधेरा ही अँधेरा होगा*
*(26) दाब्बतुल अर्द का निकलना : - दाब्बतुल अर्द एक ऐसा जानवर होगा जिसके हाथ में हज़रते मूसा अ़लैहिस्सलाम का असा ( लाठी ) और हज़रते सुलैमान अ़लैहिस्सलाम की अँगूठी होगी वह उस असे से हर मुसलमान की पेशनी पर एक नूरानी निशान बनायेगा और अँगूठी से हर काफ़िर के माथे पर एक बहुत काला धब्बा बनायेगा उस वक़्त सारे मुसलमान और काफ़िर साफ ज़ाहिर होंगे मुसलमानों और काफिरों की यह निशानियाँ कभी न बदलेंगी जो काफिर है वह कभी ईमान न लायेगा और जो मोमिन है हमेशा ईमान पर क़ाइम रहेगा*
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 33*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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