Thursday, September 19, 2019



  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 105)*_
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               _*आखिरत और हश्र का बयान*_

_*मुसीबत के मारे लोग गिरते पड़ते हज़रते आदम अ़लैहिस्सलाम के पास पहुँचेंगे और फ़रियाद करेंगे कि ऐ आदम । आप अबुल बशर ( आदमी के बाप ) हैं । अल्लाह तआ़ला ने अपको अपने दस्ते कुदरत से बनाया है । आप में अपनी चुनी हुई रूह डाली है । फ़रिश्तों से आप को सजदा कराया । जन्नत में आपको रख कर तामम चीज़ों के नाम सिखाये । अल्लाह ने आपको सफी ( दोस्त चुना हुआ और खा़लिस ) बनाया आप देखते नहीं कि हम कितनी मुसीबतों में हैं आप हमारी शफा़अ़त कीजिए कि अल्लाह तआ़ला हमें इस से नजात दे । हज़रत आदम अलैहिस्सलाम फ़रमायेंगे कि मेरा यह मरतबा नहीं मुझे आज अपनी जान की फ़िक्र है आज अल्लाह ने अपना ऐसा गज़ब और जलाल जाहिर किया है कि न तो ऐसा कभी हुआ और न कभी होगा तुम किसी और के पास जाओ*_

_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 36*_

_*📮जारी रहेगा.....*_
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