_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 104)*_
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_*आखिरत और हश्र का बयान*_
_*यह वह वक़्त होगा कि बच्चे ग़म के मारे बूढ़े हो जायेंगे । हमल वाली औरत का हमल गिर . जायेगा । लोग ऐसे दिखाई देंगे कि जैसे नशे में हों हालाँकि नशा में न होंगे । अल्लाह तआ़ला का अज़ाब बहुत सख्त होगा । और लोगों को हज़ारों मुसी़बतों का सामना होगा । और यह मुसीबतें दो चार दिन या दो चार महीनों की नहीं होंगी । बल्कि कियामत का दिन पचास हजार बरस का होगा । हश्र के आधे दिन तक लोग इसी तरह मुसीबतों में रहते हुये अपने लिए किसी सिफा़रिशी को तलाश करेंगे कि वह खुदाये जुलजलाल के सामने उनकी शफाअ़त कर सके।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 35 36*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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