_*📕 करीना-ए-जिन्दगी भाग - 038 📕*_
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_💫 *[सोहबत के बाद जिस्म की सफ़ाई]* 💫_
*👉🏻 _सोहबत के बाद मर्द और औरत अलग हो जाए फिर किसी साफ़ कपड़े से पहले दोनों अपनी अपने अपने मकामे मख्सुस को (शर्मगाह को) साफ़ करे ताकि बिस्तर पर गन्दगी लगने न पाए। सफ़ाई के बाद पेशाब कर ले की उसके के बहुत से फायदे है, हकीमो ने बयान किये है! जिनमे से चंद यहॉ जिक्र किये जाते है!_*
*_अगर मर्द के आले मे (ऊज़ू-ए-तनासुल ) कुछ मनी बाकी रह गयी हो तो वह पेशाब के ज़रिए निकल जाती है! और अगर थोड़ी सी मनी उज्व मे ऊपर रह जाए तो बाद में पेशाब मे जलन और खुजली की बीमारी होने का अंदेशा होता है।_*
*_पेशाब जरासीम कुश होता है (क्योकी पेशाब मे जरासीम (Germs) को ख़त्म करने वाले अज्जा पाये जाते है) इसलिए पेशाब के वहाँ से गुजरने से उस जगह की सारी गन्दगी ख़त्म हो जाती है, और उस जगह के जरासीम (Germs कीटाणु) ख़त्म हो जाते है! और शर्मगाह की नाली (नली) साफ़ हो जाती है। इस तरह के और भी कई फायदे है जिनकी तफ्सील यहॉ तवालत का सबब (मुमकीन नही) है!_*
👉🏻 *_नोट :- पेशाब के उज्वे तनासुल (शर्मगाह) से जुदा होने के बाद और ठंडा होने पर खुद पेशाब मे करोडोहा जरासीम किटानु बढ कर नुक्सानदेह साबीत होते है! इसलिये शरीयत मे पेशाब का किसी भी तरह का इस्तेमाल हराम है!_*
*_पेशाब कर लेने के बाद शर्मगाह और उस के आस पास के हिस्से को भी अच्छी तरह से धो लें इस से बदन तंदुरूस्त रहता है और खुजली की बीमारी से बचाव हो जाता है।_*
*_लेकिन याद रखिये! मुबाशरत (सोहबत के फौरन बाद ठन्ड़े पानी से न धोए, उससे बुख़ार (Fever) होने का ख़तरा होता है। इसलिए कि सोहबत के बाद जिस्म का दर्जा-ए-हरारत (Body Temperature) बढ़ जाता है जिस्म में गर्मी आ जाती है अगर गर्म जिस्म पर ठन्डा पानी डाला जाए तो बुख़ार जल्द होने का ख़तरा है।_*
*_लिहाजा सोहबत करने के बाद तकरीबन पाँच, दस मिनट बैठ जाए या लेट जाए, ताके बदन की हरारत (Body Temperature) ऐतेदाल (Normal) पर आ जाए! फिर उसके बाद पानी का इस्तेमाल करे! अगर जल्दी हो तो हल्के गर्म, गुन गुने पानी से शर्मगाह धोने में कोई नुकसान नही।_*
_*बाकी अगले पोस्ट में....*_
_*📮 जारी रहेगा इंशा'अल्लाह....*_
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